सोना-चांदी खरीदने का ये मौका खो दिया तो पछताओगे, 1.64 लाख के पार चांदी, 2000 रुपये महंगा हुआ सोना
News India Live, Digital Desk : भारत में सोने और चांदी को सिर्फ आभूषण ही नहीं, बल्कि निवेश का सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद जरिया माना जाता है. खासकर, ऐसे दौर में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और तनाव का माहौल हो, लोग सुरक्षित निवेश के रूप में इन कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं, जिससे इनकी कीमतों में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिलता है. अब, एक बार फिर सोना और चांदी आसमान छू रहे हैं!
ज़ी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह से इन दोनों कीमती धातुओं में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों और आम जनता दोनों की धड़कनें तेज हो गई हैं.
सोने-चांदी की कीमतों में बड़ा उछाल:
- चांदी ने पार किया रिकॉर्ड स्तर: इस हफ्ते चांदी की कीमत में जबरदस्त उछाल देखा गया है, और यह 1,64,000 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गई है. यह बढ़ोतरी एक रिकॉर्ड स्तर को छू रही है.
- सोने में 2000 रुपये से ज्यादा का इजाफा: वहीं, सोने की कीमत भी एक सप्ताह में 2,000 रुपये से ज़्यादा बढ़ गई है. यह उछाल निवेशकों को चिंता में डाल सकता है जो खरीदारी की सोच रहे थे, और जो पहले से निवेश कर चुके थे उनके लिए यह मुनाफे की बात है.
क्यों आ रहा है इतना बड़ा उछाल?
सोने और चांदी की कीमतों में इस तरह के तेज उछाल के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण होते हैं:
- वैश्विक अस्थिरता और जियोपॉलिटिकल तनाव: दुनिया भर में जारी राजनीतिक तनाव (जैसे युद्ध, व्यापारिक विवाद) और आर्थिक अनिश्चितता सोने को 'सेफ हेवन' (Safe Haven) निवेश बना देती है. जब निवेशक शेयर बाजार या अन्य अस्थिर संपत्तियों से पैसा निकालते हैं, तो वे इसे सोने में लगाते हैं.
- अमेरिकी डॉलर में कमजोरी (संभावित): यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो डॉलर में होने वाले सोने के लिए अन्य मुद्राओं में इसे खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे सोने की मांग बढ़ती है.
- केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीद: दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने को जोड़ रहे हैं, जिससे सोने की मांग और बढ़ रही है.
- बढ़ती महंगाई: जब महंगाई बढ़ती है, तो लोगों को लगता है कि उनके पैसे का मूल्य घट रहा है. ऐसे में सोना और चांदी जैसे 'वास्तविक' संपत्ति महंगाई के खिलाफ एक अच्छा हेज (Hedge) माने जाते हैं.
- बढ़ती औद्योगिक मांग (चांदी के लिए): चांदी की कीमत अक्सर औद्योगिक मांग (जैसे सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स) से भी प्रभावित होती है. अगर उद्योग क्षेत्र में तेजी आती है तो चांदी की मांग बढ़ जाती है.
- दिवाली जैसे त्योहार (घरेलू मांग): भारत में त्योहारी सीजन, खासकर दिवाली और शादी-ब्याह के मौसम में सोने और चांदी की घरेलू मांग काफी बढ़ जाती है, जिससे कीमतें प्रभावित होती हैं.
फिलहाल, इस अप्रत्याशित वृद्धि से सोने और चांदी में निवेश करने वाले सतर्क रहेंगे और बाजार पर बारीकी से नज़र रखेंगे.
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