वास्तु टिप्स फॉर बाथरूम बकेट: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है। वास्तु में घर के शयनकक्ष, रसोईघर, स्नानघर, सीढ़ियाँ, खिड़कियाँ सब कुछ बताया गया है। वास्तु कहता है कि अगर आप कुछ नहीं करेंगे तो इसका घर के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष रंगों का भी उल्लेख किया गया है। वास्तु की मानें तो ये रंग हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इनमें से कुछ रंग हमारे लिए भाग्यशाली माने जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि ये हमारे जीवन में सकारात्मकता लाते हैं। इसी तरह वास्तु शास्त्र में आज जानिए बाथरूम के अंदर बाल्टी का रंग क्या होगा।
आज के आधुनिक समय में लोग बाथरूम और टॉयलेट दोनों को जोड़ देते हैं। प्रत्येक कमरे में एक अलग बाथरूम और शौचालय होता है.. लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और शौचालय एक साथ जुड़े हुए नहीं होने चाहिए और खासकर कमरे के अंदर तो बिल्कुल भी नहीं। बाथरूम को खुला रखने से भी बचना चाहिए।
रंगों की बात करें तो सफेद, गुलाबी, हल्का पीला या हल्का नीला रंग बाथरूम या शौचालय की दीवारों के लिए अच्छे विकल्प हैं। जब बाथरूम टाइल्स की बात आती है, तो हमेशा हल्के रंग की टाइल्स का उपयोग करें, कभी भी गहरे रंग की टाइल्स का उपयोग न करें। टाइल्स का रंग सफेद, आसमानी या नीला होना चाहिए। ये रंग बाथरूम को बिल्कुल ताज़ा रंग देते हैं। काले और लाल जैसे गहरे रंगों का प्रयोग न करें तो बेहतर है.. बाथरूम में रखी बाल्टी का रंग नीला है जो वास्तु शास्त्र में शुभ बताया गया है..