पेट्रोल पंप पीयूसी सर्टिफिकेट: वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और बायो फ्यूल से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दे रही है। वहीं ट्रैफिक पुलिस भी प्रदूषण कम करने के लिए कई प्रयास कर रही है. जिसके लिए पुणे में एक स्वचालित प्रणाली विकसित की जा रही है।
स्वचालित प्रणाली:
यह सिस्टम उन वाहनों की निगरानी करेगा जिनका प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र समाप्त हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सिस्टम पुणे के पेट्रोल पंपों पर लागू किया जाएगा, जिसमें एक कैमरा लगा होगा। यह पेट्रोल भरवाने आने वाले वाहनों के सिस्टम में दर्ज डेटा की पहचान कर वाहन की पीयूसी वैधता आसानी से बता देगा।
विशेष रूप से, गैर-पीयूसी और अवधि समाप्त वाहनों पर रु. 10000 का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. यह योजना दिल्ली में भी लागू होगी.
पर्यावरण की रक्षा के लिए एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, व्यक्ति को हमेशा अपने वाहन की पीयूसी वैधता की जांच करनी चाहिए। और यदि वह समाप्त हो जाए तो जांच कराकर तुरंत नया प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेना चाहिए। ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी सेंटर) की सुविधा होती है. जहां आप वाहन के प्रदूषण स्तर की जांच कर सकते हैं और वैध पीयूसी प्राप्त कर सकते हैं।