पोषण क्यों महत्वपूर्ण है: ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ हर साल 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य के लिए पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। जिस तरह इंजन के लिए पेट्रोल और डीजल की जरूरत होती है, उसी तरह शरीर को चलाने के लिए भोजन की जरूरत होती है। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए 15 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लेकिन समय के साथ बदलते खान-पान के चलन ने लोगों की खाने की थाली से इन्हें पूरी तरह गायब कर दिया है। इसकी वजह से लोग कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
अधिकतर लोग यह गलती कर रहे हैं
ज़्यादातर लोग समय-समय पर पेट भरकर खाते हैं, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि इससे शरीर को ज़रूरी पोषण मिल रहा है या नहीं। ख़ासकर बच्चे ज़रूरी पोषण नहीं ले पाते और कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
भारत में कुपोषण के मामले सबसे अधिक हैं
‘एनएनडब्ल्यू’ का डेटा सबसे पहले मार्च 1973 में अमेरिकन डायटेटिक्स एसोसिएशन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में पेश किया गया था। उस दौरान भारत में सबसे ज़्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार थे। इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाने का फ़ैसला किया गया। इस साल ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ की थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ है।
स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्व
स्वस्थ शरीर के लिए विटामिन, खनिज, प्रोटीन, वसा, पानी और कार्बोहाइड्रेट बहुत ज़रूरी हैं। इन ज़रूरी पोषक तत्वों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहला है माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जिसमें विटामिन और खनिज होते हैं। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स वो पोषक तत्व हैं जिनकी शरीर को ज़्यादा ज़रूरत होती है। इनमें पानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा शामिल हैं।