जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, माता-पिता उन्हें प्ले स्कूल या प्री-स्कूल भेजने पर विचार करते हैं। वे उनके बेहतर भविष्य के लिए हर जरूरी फैसले लेने को लेकर काफी सजग रहते हैं, ताकि उनके बच्चों का भविष्य बेहतर हो और उन्हें स्कूल जाने में कोई दिक्कत न हो. दरअसल, ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को प्ले स्कूल भेजते हैं ताकि उनका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ घुलना-मिलना सीख सके। बच्चों को उनके भावनात्मक, सामाजिक, शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्ले स्कूल में भेजना चाहिए। अगर आप भी अपने बच्चे को प्ले स्कूल भेजने की सोच रहे हैं तो पहले जान लें ये जरूरी बातें…
किस उम्र में प्ले स्कूल भेजना चाहिए?
माता-पिता को अपने बच्चे को प्ले स्कूल तभी भेजना चाहिए जब वह इसके लिए तैयार हो। ढाई से साढ़े तीन साल की उम्र के बच्चे बोलने और अपनी बात समझाने में सक्षम होते हैं। इस उम्र में उन्हें स्कूल भेजा जा सकता है, हालाँकि हर बच्चा अलग होता है, इसलिए उनके विकास के अनुसार ही कोई भी निर्णय लें। बहुत छोटे बच्चों को प्ले स्कूल भेजने से उनका समुचित विकास नहीं हो पाता है।
स्कूल भेजते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर स्कूल में यूनिफॉर्म है तो कोई झंझट नहीं है। अगर नहीं तो बच्चे को हर दिन साफ कपड़े पहनाकर भेजें। चूंकि बच्चा अभी छोटा है, इसलिए बैग में एक रुमाल रखें ताकि गंदे होने पर वह अपने हाथ साफ कर सके। हो सके तो बैग में एक जोड़ी कपड़े भी रखें, ताकि खराब होने पर उन्हें बदला जा सके।
पर्याप्त नींद है जरूरी
एक बच्चे के लिए 8 से 10 घंटे की नींद बहुत जरूरी है। इसलिए उसे रात को उसी हिसाब से सोने दें। यदि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिलेगी, तो वह कक्षा में सुस्त रहेगा और कक्षा की गतिविधियों में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगा।
प्ले स्कूल भेजने के फायदे
हम बच्चों को प्ले स्कूल तब भेजते हैं जब वे चलना, बात करना और अन्य जरूरी चीजें सीख जाते हैं। ऐसे में स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ घुलने-मिलने से उनका विकास तेजी से होता है। वे घर से ज़्यादा स्कूल में बोलना और शब्दों को पहचानना सीखते हैं। प्ले स्कूल में उन्हें विभिन्न प्रकार के खेल और गतिविधियाँ करने और चीजों के साथ खेलने का मौका मिलता है।