शरीर में बढ़ा हुआ है यूरिक एसिड तो करें नींबू और अजमा का सेवन, मिलेगा जबरदस्त फायदा

यूरिक एसिड एक विषैला पदार्थ है जो शरीर में जमा हो जाता है। यूरिक एसिड प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से कई गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा रहता है। जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन, थकान और गठिया जैसी समस्याएं होने का खतरा रहता है। इन समस्याओं से बचने के लिए शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रण में रखना चाहिए। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए नींबू के साथ अजमा का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।

हाई यूरिक एसिड में नींबू और अजमा के फायदे
नींबू और अजमा का उपयोग आमतौर पर सभी प्रकार के भोजन को पकाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इन वस्तुओं का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। डॉ। आरोग्य आरोग्य केंद्र, नोएडा के क्लिनिकल डायटीशियन वीडी त्रिपाठी कहते हैं, “नींबू और अजमा में मौजूद गुण और पोषक तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं। आप इसका सेवन हर सुबह कर सकते हैं। हाई यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।” ।”

  • हाई यूरिक एसिड में नींबू के फायदे
  • नींबू में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं।
  • पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
  • मूत्र संबंधी समस्याओं का खतरा कम करें
  • हाई यूरिक एसिड में ट्रायल के फायदे
  • अजमा में मौजूद विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है।
  • पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
  • यूटीआई और मूत्र संबंधी समस्याओं में फायदेमंद

हाई यूरिक एसिड में नींबू और अजमा का सेवन कैसे करें?
यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप रोज सुबह गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच अजमा मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा रोज सुबह नींबू के रस के साथ अजमा चाय पीना भी फायदेमंद रहेगा। हाई यूरिक एसिड के अलावा आप वजन कम करने और पेट और पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी इसका सेवन कर सकते हैं।

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको अपने आहार और जीवनशैली में सुधार करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उनका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। गठिया या जोड़ों से जुड़ी समस्या होने पर मरीज को भोजन के साथ सूजन-रोधी दवाएं और स्टेरॉयड आदि लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में मरीजों को खान-पान के साथ-साथ नियमित व्यायाम या योग आदि करना चाहिए।