मिसिंग लिंक सड़कों का काम हो तो आमजन को मिले चक्कर से राहत

जयपुर, 22 जून (हि.स.)। राजधानी में मिसिंग लिंक सड़कों का काम पूरा हो तो आमजन की राह आसान होने के साथ ईंधन की भी बचत होगी। जयपुर विकास प्राधिकरण ने इसको लेकर अभियान छेड़ा था, लेकिन कुछ समय बाद इसे भूला दिया गया। पूर्व आयुक्त रवि जैन ने अधूरी पड़ी शहर की सड़कों को पूरा करने का बीड़ा उठाया था। इसके लिए सभी जोनों को निर्देश देकर मिसिंग लिंक सड़कों का सर्वे करवाया गया, इसके बाद सभी को पांच-पांच सड़कों के विवादों का निस्तारण करवा कर उन्हें पूरा करने का टारगेट दिया गया था , लेकिन जेडीसी के बदलते ही यह काम अधिकारियों की प्राथमिकता से दूर चला गया।

मिसिंग लिंक सड़कें आमजन के लिए परेशान का सबब बन गई हैं। वर्तमान में 7, 8 और जोन-9 में सबसे ज्यादा मिसिंग लिंक सड़कें हैं। इसके अलावा जोन-14, 11, 10,13 सहित कुछ अन्य लोग है जहां पर कुछ सड़के मिसिंग लिंक के तहत शामिल की गई थी। मिसिंग लिंक के तहत सड़कों को दो भागों में बांटा गया था। शहर में मिसिंग लिंक की 88 सड़कों का काम किया जाना है। ए श्रेणी में उन सड़कों को शामिल किया गया था जो बीच-बीच में अधूरी हैं। पूर्व जेडीसी रवि जैन के समय जिन मिसिंग लिंक सड़कों का काम शुरू किया हुआ, उनमें से भी कुछ का ही काम पूरा पाया था, बाकी सड़के अभी भी अधूरी पड़ी है। हाल ही में जेडीए की ओर से कोर्ट के निर्देश पर हीरा पथ बी 2 बाईपास न्यू सांगानेर रोड़ से वन्देमातरम् मार्ग तक प्रस्तावित 100 फीट सेक्टर रोड के बीच आने वाले अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की गई। यहां पर 251 में से 225 अतिक्रमणों को हटाया जा चुका है।

जेडीसी मंजू राजपाल का कहना है कि मिसिंग लिंक के तहत कार्रवाई शुरू करदी है। आगामी दिनों में पूर्व में चिन्हित सड़कों से भी अतिक्रमण हटाकर उनका काम पूरा किया जाएगा ताकि आमजन को बेवजह चक्कर काटने से राहत मिले। इससे ईंधन भी बचेगा।

उदाहरण के तौर पर पृथ्वीराज नगर में छह किलोमीटर लंबी वंदे मातरम रोड जमीनी विवाद के चलते आमजन की राह को कठिन बना रहा है। सड़क के बीचों-बीच एक मकान बना हुआ है। इसके अलावा भांकरोटा से 200 फीट रोड को जोडने वाली सड़क जेडीए की स्वर्ण विहार योजना की राह को सुगम बनाएगी।

वहीं एयरपोर्ट रोड- महल रोड पर सात नंबर चौराहे से टोंक रोड को जोड़ने वाली एयरपोर्ट रोड का 200 मीटर से ज्यादा लंबा विवाद से चलते अटका हुआ है। जेडीए जमीन मालिक को मुआवजा भी दे चुका है, लेकिन इस जमीन के मूल मालिक के चलते मामला विवादित हो गया है। ऐसे में वाहन चालकों को चक्कर काटना पड़ता है।

160 फीट की हाइटेंशन लाइन के नीचे खातीपुरा रेलवे स्टेशन से महल रोड को जोड़ने के लिए और भांकरोटा चौराहे से सिरसी रोड को जोड़ने के लिए पांच किलोमीटर की 200 फीट की सेक्टर रोड भी है। राज्य में 2,346 किलोमीटर ‘मिसिंग लिंक’ सड़कों की पहचान की गई है।