When Husband Give More Importance To His Friends: आपने अपने जीवन में दोस्ती को लेकर कई तरह की बातें सुनी होंगी, लेकिन मशहूर आयरिश कवि ऑस्कर वाइल्ड ने दोस्ती को लेकर एक बेहद खास बात कही थी, ‘दोस्ती प्यार से ज्यादा दुखद है, क्योंकि यह लंबे समय तक चलती है।’ हमने कई बार प्यार को समय के साथ कम होते देखा है, लेकिन अक्सर दोस्ती समय के साथ मजबूत होती जाती है।
शादी के बाद पुरुष मित्रता की परीक्षा
लड़कों की दोस्ती की मिसालें दी जाती हैं, भाईचारे में वो एक दूसरे के लिए बड़े से बड़ा जोखिम उठा लेते हैं, लेकिन लड़कों की दोस्ती की असली परीक्षा शादी के बाद आती है। दरअसल, ज़्यादातर पत्नियाँ चाहती हैं कि उनके पति ऑफ़िस के बाद उन्हें पूरा ध्यान दें, लेकिन लड़कों का दिल अपने दोस्तों के लिए धड़कता है, वो उनके साथ हैंगआउट और घूमने-फिरने का प्लान बनाते हैं, जिस पर पत्नियाँ आपत्ति जताने लगती हैं।
क्या अपने दोस्तों पर ध्यान देने वाला पति ‘लाल झंडा’ है?
अगर किसी महिला के पति को लगता है कि उसका पति उससे ज़्यादा अपने दोस्तों को महत्व देता है, तो क्या ये एक तरह का ‘रेड फ्लैग’ है? इसके जवाब में एक मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (लवली शर्मा) ने ‘ज़ी स्विच’ से कहा कि वो इसे ‘रेड फ्लैग’ नहीं मानतीं, हालांकि, अगर पत्नी और दोस्त के बीच संतुलन बनाए रखा जा रहा है, तो ये ठीक है।
ऐसी स्थिति में पत्नी को क्या करना चाहिए?
लवली शर्मा ने आगे कहा, “अगर वो अपने दोस्तों को ज़्यादा अहमियत दे रहा है तो उसके दोस्तों से दोस्ती कर लो. उसके दोस्तों से दुश्मनी मत करो.” ऐसा करके तुम अपने पति के लिए खलनायिका बन सकती हो. “क्योंकि लड़कों का एक ग्रुप है, जब लड़के साथ बैठेंगे तो वो कहेंगे कि तुम्हारी बीवी ‘जल्लाद’ है, वो तुम्हें कुछ नहीं करने देती, इसलिए तुम्हें ऐसी बीवी नहीं बनना चाहिए और उनके ग्रुप में आ जाना चाहिए. एक लड़की कभी भी लड़कों की दोस्ती के बीच में नहीं आ सकती. ये कहावत कि अगर तुम्हारा दोस्त कुएं में कूद जाएगा तो क्या तुम भी कुएं में कूद जाओगी, ये कहावत लड़कों के लिए ही बनी है.”