केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर केंद्र में आना चाहिए. अगर वह मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो बीजेपी को अजित पवार की एनसीपी के साथ सरकार बनानी चाहिए.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी गरमाहट देखने को मिल रही है. विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुति की प्रचंड जीत के बाद अगले मुख्यमंत्री को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि शिंदे को अब केंद्र में लाया जाना चाहिए.
एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर केंद्र में आना चाहिए
अठावले ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर केंद्र में आना चाहिए. अगर वह मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो बीजेपी को अजित पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने ढाई साल तक अच्छा काम किया है. शिंदे को अब केंद्र में लाया जाना चाहिए. देवेन्द्र फडनवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे मंगलवार को राजभवन पहुंचे और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार की मौजूदगी में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सीएम पद पर तीन दिन से सस्पेंस जारी है. माना जा रहा है कि महायुति में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी अपना मुख्यमंत्री चाहती है. पूर्व सीएम देवेन्द्र फड़नवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है. अजित पवार भी फड़णवीस के नाम पर सहमत हो गए हैं.
सोमवार को देवेन्द्र फड़णवीस दिल्ली पहुंचे
हालांकि, शिवसेना एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाना चाहती है. शिवसेना का तर्क है कि शिंदे सरकार की नीतियों के कारण ही महायुति चुनाव में ऐसा प्रदर्शन कर पाई है. सीएम पद पर जारी सस्पेंस के बीच सोमवार को देवेंद्र फड़णवीस भी दिल्ली पहुंचे. वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी के रिसेप्शन में शामिल हुए। कहा जा रहा है कि फड़णवीस जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सरकार बनाने के फॉर्मूले पर चर्चा कर सकते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि कोई भी उनके आवास या कहीं और इकट्ठा न हो. आपको बता दें कि एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में इस खेमे को बड़ा झटका लगा है. गठबंधन 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल 46 सीटें जीतने में कामयाब रहा। इसके मुकाबले बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन 230 सीटें जीतने में कामयाब रहा है. महागठबंधन में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है.