अगर RSS हरी झंडी दे तो बीजेपी कई राज्यों में संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारी में है….

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हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में अप्रत्याशित नतीजों के बाद अब बीजेपी में खलबली मच गई है. नतीजों पर महामंथन तो चल ही रहा है, लेकिन अब सख्त कदम उठाने की भी तैयारी हो रही है. बीजेपी नेतृत्व अपने संगठनात्मक चुनावों के साथ कुछ राज्यों के संगठन में भी बड़े बदलाव कर सकता है. जिसमें यूपी भी शामिल है. यहां बता दें कि यूपी में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी हार मिली है. इन सबके बीच बीजेपी नेतृत्व ने सभी राज्यों के केंद्रीय मंत्रियों से भी चर्चा की है. अब मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में भी इस पर चर्चा होगी. इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ समन्वय बैठक इस दिशा में अहम होगी. 

सदस्यता अभियान के साथ भाजपा की संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है। लेकिन महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी. इन राज्यों में पार्टी का पूरा फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर होगा. बाकी राज्यों में पार्टी नये सदस्य अभियान के साथ संगठन का पुनर्गठन करेगी. इसमें मंडल, जिला और प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव शामिल है. उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होना है. हालांकि, पार्टी इससे पहले कई राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन कर सकती है. जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है. 

यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव के निराशाजनक नतीजों के बाद खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा राज्य के बड़े नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है. बीजेपी नेतृत्व ने गुरुवार रात बिहार और राजस्थान में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कुछ और राज्यों में भी नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है. खासकर उन राज्यों में जहां पार्टी को भविष्य में संगठन के लिहाज से खुद को बेहतर तैयार करना है. हालांकि, इन नियुक्तियों का पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एसोसिएशन चुनाव में इन राज्यों में फिर से नए अध्यक्ष आ सकते हैं। जिनमें से कुछ को उन राज्यों में बरकरार रखा जा सकता है जहां नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। 

सूत्रों के मुताबिक, 21 जुलाई से केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी में काफी बदलाव होने की संभावना है. फिलहाल पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में काम चल रहा है. लेकिन पार्टी का एक धड़ा स्थायी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की भी मांग कर रहा है. अब संघ के साथ बैठक के बाद ही यह तय होगा कि पार्टी अगले संगठनात्मक चुनाव तक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करेगी या फिर नड्डा के नेतृत्व में ही अध्यक्ष पद पर बनी रहेगी.