इजरायल की सेना (IDF) ने सीरिया में अपने एक गुप्त अभियान का खुलासा किया है। इस अभियान को 8 सितंबर 2024 को अंजाम दिया गया था और इसे “ऑपरेशन मेनी वेज” नाम दिया गया। इस मिशन में 120 इजरायली कमांडोज ने सीरिया के मसयफ इलाके में ईरान द्वारा संचालित भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री को नष्ट कर दिया। IDF ने अब इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है।
भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री: ईरानी समर्थन और हिजबुल्लाह का कनेक्शन
- यह मिसाइल फैक्ट्री सीरिया के मसयफ इलाके में 70 से 130 मीटर गहराई पर बनाई गई थी।
- फैक्ट्री में हर साल 100-300 मिसाइलों का निर्माण होता था।
- इन मिसाइलों की मारक क्षमता 300 किमी तक थी।
- फैक्ट्री से बनाई गई मिसाइलों को लेबनान में हिजबुल्लाह और असद की सेना को सप्लाई किया जाता था।
- निर्माण की शुरुआत 2017 में हुई थी और यह फैक्ट्री 2021 में चालू हुई थी।
ऑपरेशन की प्रमुख जानकारी
- इस मिशन में IDF की शालडाग यूनिट के 120 कमांडोज शामिल थे।
- इनमें 100 लड़ाकू दल के कमांडो और 20 मेडिकल यूनिट के सदस्य थे।
- ऑपरेशन के लिए CH-53 यासूर हैवी ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया।
- मिशन के दौरान:
- अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर,
- 21 फाइटर जेट,
- 5 ड्रोन,
- और 14 निगरानी विमान तैनात किए गए।
सीरिया की एयर डिफेंस प्रणाली नाकाम
- इजरायली सेना ने यह मिशन सीरिया के 200 किमी अंदर जाकर अंजाम दिया।
- सीरिया की एयर डिफेंस प्रणाली इजरायली कमांडोज और विमानों को रोकने में पूरी तरह विफल रही।
- पूरे ऑपरेशन के दौरान IDF को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
मिसाइल फैक्ट्री का इतिहास
- 2017 में ईरान ने इस फैक्ट्री का निर्माण शुरू किया था।
- इसे पहाड़ों के नीचे सुरक्षा के लिए बनाया गया था।
- फैक्ट्री में 16 बड़े कमरे थे, जहां मिसाइलों का निर्माण किया जाता था।
- इजरायली सेना ने इससे पहले 2017 में ईरान की रॉकेट निर्माण फैक्ट्री को नष्ट किया था।
ऑपरेशन की सफलता: केवल 3 घंटे में मिशन पूरा
- इजरायली कमांडोज ने समुद्री मार्ग से सीरिया में प्रवेश किया।
- 3 घंटे के भीतर पूरे मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
- ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना ने पूरी फैक्ट्री और उसके उत्पादन को तबाह कर दिया।
इजरायल का बयान
IDF के मुताबिक, यह मिशन सीरिया में ईरानी प्रभाव और हिजबुल्लाह के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए था।
“ईरान की मदद से सीरिया में चल रही इस भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री को नष्ट करना क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक था। इस ऑपरेशन से हमने असद शासन और हिजबुल्लाह के लिए मिसाइल निर्माण की क्षमता को खत्म कर दिया।”