सपनों की उड़ान और कठिन परिश्रम की कहानी अक्सर प्रेरणा बनती है। ऐसी ही एक कहानी है महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के अंसार शेख की, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों और आर्थिक तंगी के बावजूद अपने सपने को हकीकत में बदल दिया। उनके पिता एक ऑटो रिक्शा चालक और मां खेतों में काम करने वाली मज़दूर थीं। बावजूद इसके, अंसार ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की और देश के सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया।
कठिनाइयों से भरा बचपन
अंसार शेख का जन्म महाराष्ट्र के जालना जिले के शेल गांव में हुआ। उनका बचपन बेहद मुश्किल हालातों में बीता।
- पिता का संघर्ष: अंसार के पिता यूनुस शेख अहमद ने ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पेट भरा।
- मां का योगदान: उनकी मां खेतों में मजदूरी करती थीं, ताकि परिवार की जरूरतें पूरी हो सकें।
- स्कूल छोड़ने की नौबत: परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पिता ने अंसार का नाम स्कूल से कटवाने का निर्णय लिया था।
लेकिन अंसार की मां ने बेटे की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। उन्होंने खेतों में अधिक काम करके उसकी शिक्षा का खर्चा उठाया। मां के इस बलिदान और अंसार की मेहनत ने एक नई कहानी लिखी।
शिक्षा में उत्कृष्टता
अंसार शुरू से ही पढ़ाई में बेहद होनहार थे।
- उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की।
- उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की, और केवल 21 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास कर ली।
- 2016 में, अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 361 हासिल की।
IAS बनने की यात्रा
प्रेरणा और समर्पण:
- अंसार ने IAS बनने का सपना देखा और इसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की।
- हर दिन घंटों पढ़ाई और सटीक रणनीति ने उन्हें देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई।
चुनौतियों का सामना:
- घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
- सामाजिक और पारिवारिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को सर्वोच्च रखा।
पहले प्रयास में सफलता:
UPSC जैसी कठिन परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता पाना दुर्लभ है, लेकिन अंसार ने यह कर दिखाया।
परिवार और शिक्षा की प्राथमिकता
अंसार का परिवार शिक्षा को लेकर जागरूक नहीं था। उनके परिवार के लिए:
- शिक्षा प्राथमिकता नहीं थी; परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाना सबसे जरूरी था।
- उन्होंने बचपन से ही अपने पिता और मां को परिवार के लिए संघर्ष करते देखा।
- इन सबके बावजूद, अंसार ने शिक्षा को महत्व दिया और अपने सपने को हकीकत में बदला।
प्रेरणा का स्रोत: अंसार की कहानी क्यों है खास?
- विपरीत परिस्थितियों में सफलता:
गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद, अंसार ने साबित किया कि मेहनत और दृढ़ निश्चय से कुछ भी असंभव नहीं है। - परिवार का बलिदान:
उनकी मां का समर्थन और बलिदान उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बना। - शिक्षा का महत्व:
उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा से हर बाधा को पार किया जा सकता है। - नवजवानों के लिए प्रेरणा:
अंसार शेख की सफलता उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।