महाराष्ट्र राजनीति: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (अजित समूह) के प्रमुख अजीत पवार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा के बारे में खुलकर बात की। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि ‘मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन अक्सर डिप्टी सीएम पद पर अटक जाता हूं.’ इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति यानी एनसीपी, भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी बात की.
‘एनसीपी को 2004 में सीएम बनाने का मौका मिला था’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक कार्यक्रम में कहा. ‘मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन मैं आगे नहीं बढ़ सकता. मुझे मौका नहीं मिल रहा है. साल 2004 में एनसीपी के पास मुख्यमंत्री बनाने का मौका था, लेकिन पार्टी ने इसे गंवा दिया. खास बात ये है कि 2004 में महाराष्ट्र का सीएम पद कांग्रेस के खाते में गया था.
गौरतलब है कि 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं, एनसीपी को 71 सीटें मिलीं. जबकि कांग्रेस 69 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी. तब कांग्रेस नेता विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री बनाया गया था. साल 2012 में विलासराव का पतन हो गया.
कैसे होगा सीट आवंटन?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कार्यक्रम में कहा है कि सीटों का बंटवारा साल 2019 में पार्टी द्वारा जीती गई सीटों की संख्या के आधार पर किया जाएगा. बीजेपी 2019 में जीती हुई सीट पर चुनाव लड़ेगी. एनसीपी (अजित समूह) और शिवसेना (शिंदे समूह) के लिए भी यही होगा। ऐसे में 200 सीटों पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला साफ है. शेष 88 सीटें गठबंधन सहयोगियों के बीच साझा की जाएंगी।