Hygiene Tips : पसीने की बदबू सबको अलग-अलग क्यों आती है? आपकी डाइट से लेकर जेनेटिक्स तक, जानें सब कुछ

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News India Live, Digital Desk: Hygiene Tips : क्या आपने कभी सोचा है कि जब दो लोग एक जैसी एक्सरसाइज या काम करते हैं, तो भी उनके पसीने की बदबू इतनी अलग क्यों होती है? या एक ही इंसान को अलग-अलग समय पर पसीने की गंध अलग क्यों महसूस होती है? यह कोई जादू नहीं, बल्कि हमारे शरीर और हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी एक दिलचस्प साइंस है! आइए, आज इसी राज़ को थोड़ा और करीब से जानते हैं।

दरअसल, हम सभी के शरीर में दो तरह की पसीना ग्रंथियां होती हैं: एक्राइन ग्रंथियां (Eccrine Glands) और एपोक्राइन ग्रंथियां (Apocrine Glands)

1. एक्राइन ग्रंथियां: ये ग्रंथियां पूरे शरीर पर फैली होती हैं और मुख्य रूप से शरीर के तापमान को कंट्रोल करने का काम करती हैं। इनसे निकलने वाला पसीना ज़्यादातर पानी, नमक और यूरिया से बना होता है, जिसकी आमतौर पर कोई बदबू नहीं होती। जब हमें गर्मी लगती है तो शरीर को ठंडा करने के लिए इनसे पसीना निकलता है।

2. एपोक्राइन ग्रंथियां: ये ग्रंथियां ज़्यादातर बगल, जांघों और कुछ अन्य जगहों पर होती हैं। इन ग्रंथियों से निकलने वाले पसीने में प्रोटीन और फैटी एसिड्स जैसे पदार्थ होते हैं। शुरुआत में इस पसीने की भी कोई ख़ास बदबू नहीं होती, लेकिन जब यह हमारी त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया (छोटे जीवाणु) से मिलता है, तो वो इन पदार्थों को तोड़कर बदबू पैदा करते हैं। हर इंसान की त्वचा पर अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया होते हैं, इसलिए पसीने की बदबू भी सबकी अलग होती है!

पसीने की बदबू को कौन-सी चीजें बनाती हैं और बिगाड़ती हैं?

  • डाइट: जो हम खाते हैं, उसका सीधा असर पसीने की बदबू पर पड़ता है। लहसुन, प्याज, मसालेदार भोजन, कैफीन और अल्कोहल जैसी चीजें पसीने की बदबू को और तेज़ कर सकती हैं।
  • जेनेटिक्स: हाँ, कुछ हद तक यह भी तय है कि आपको किस तरह की बदबू आएगी। यह आपको अपने माता-पिता से भी विरासत में मिल सकती है!
  • सफाई (Hygiene): यह तो सब जानते हैं! नियमित रूप से नहाना, साफ कपड़े पहनना और डिओडोरेंट का इस्तेमाल करना बदबू को कंट्रोल करने का सबसे आसान तरीका है।
  • दवाएं और स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ दवाएं या डायबिटीज, लिवर की बीमारी, गुर्दे की समस्या जैसे स्वास्थ्य मुद्दे भी शरीर की गंध को बदल सकते हैं। जैसे, अत्यधिक पसीना आने की समस्या को हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) कहते हैं, वहीं पसीना बिल्कुल न आने की स्थिति को एनहाइड्रोसिस (Anhidrosis) कहते हैं।
  • हार्मोन: हार्मोनल बदलाव, खासकर किशोरावस्था, प्रेग्नेंसी या मीनोपॉज के दौरान, भी शरीर की गंध को प्रभावित करते हैं।

तो अगली बार जब आपको लगे कि पसीने की बदबू बदल गई है, तो एक बार इन कारणों पर भी ज़रूर ध्यान दें!

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