Houthi Government : खुफिया एजेंसियों का वो जाल, जिसमें फंस गई पूरी हूती सरकार, एक ही हमले में हो गया सफाया

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News India Live, Digital Desk: Houthi Government : इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद, जो अपनी खतरनाक और सटीक कार्रवाइयों के लिए दुनियाभर में जानी जाती है, ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। एक ऐसे ऑपरेशन में जिसे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की 'ट्रिपल H' रणनीति का चरम माना जा रहा है, मोसाद ने यमन की राजधानी सना में एक ही झटके में पूरी हूती सरकार की लीडरशिप को खत्म कर दिया।

यह 'ट्रिपल H' प्लान इजरायल के तीन सबसे बड़े दुश्मनों - हमास, हिजबुल्लाह और हूती - को कमजोर करने के लिए बनाया गया था, और इस हमले के साथ इसका सबसे बड़ा मकसद पूरा हो गया है।

कैसे दिया गया इस खतरनाक ऑपरेशन को अंजाम?

यह हमला सालों की प्लानिंग और खुफिया जानकारी का नतीजा था। मोसाद ने अपने जमीनी एजेंटों और आधुनिक जासूसी तकनीक की मदद से यह पता लगाया कि हूती सरकार के सभी बड़े नेता एक खुफिया बैठक के लिए एक ही जगह इकट्ठा होने वाले हैं। इस बैठक में हूती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहवी के साथ कई बड़े मंत्री और सैन्य अधिकारी शामिल थे

जैसे ही मोसाद को पक्की खबर मिली कि सभी बड़े नेता एक सरकारी इमारत में मौजूद हैं और उनके फोन एक्टिवेट हो गए हैं, ऑपरेशन को हरी झंडी दे दी गई। पलक झपकते ही, इजरायली F-35 फाइटर जेट ने इमारत पर मिसाइलें दाग दीं और उसे मलबे में बदल दिया। इसके साथ ही, एक दूसरे खुफिया ड्रोन ने पास की एक और इमारत को निशाना बनाया, जहां हूती के बड़े सैन्य कमांडर मौजूद थे। यह हमला इतना सटीक था कि किसी को बचने का मौका ही नहीं मिला।

क्यों थे हूती इजरायल के निशाने पर?

ईरान के समर्थन वाला हूती समूह लंबे समय से मध्य पूर्व में इजरायल के लिए सिरदर्द बना हुआ था। वे लाल सागर में इजरायली जहाजों पर लगातार मिसाइलें दाग रहे थे और इजरायल के हितों को निशाना बना रहे थे। हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहवी इस विद्रोही समूह का एक प्रमुख चेहरा थे और उनकी मौत हूतियों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।

इस हमले की पुष्टि खुद हूती विद्रोहियों ने भी की है। उन्होंने एक बयान में स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री अहमद अल-रहवी और कई अन्य मंत्री एक इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने इस हमले को हूतियों के लिए "एक कुचलने वाला प्रहार" बताया है और चेतावनी दी है कि “यह तो सिर्फ शुरुआत है।”

इस सफल ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब अपनी सुरक्षा की बात आती है तो इजरायल किसी भी हद तक जा सकता है। हूती लीडरशिप को खत्म करके इजरायल ने अपने दुश्मनों को एक सीधा और साफ संदेश दिया है: अगर कोई भी उसके हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा।

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