कमरे में थे पति-पत्नी, बाद में आई पुलिस, फिर जो ड्रामा हुआ, दिल्ली पुलिस को कहना पड़ा सॉरी

बिहार के पूर्णिया जिले में उस वक्त हंगामा मच गया जब दिल्ली पुलिस एक रेप के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक घर में घुस गई. हंगामा इतना बढ़ गया कि लोगों ने दिल्ली पुलिस की टीम को बंधक बना लिया. हंगामे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे. इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने माफीनामा लिखकर उन्हें छोड़ दिया.

घटना के संबंध में पीड़िता सोनी देवी ने बताया कि दुष्कर्म के आरोपी विक्की ठाकुर को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम शहर पहुंची थी. लेकिन वह विक्की ठाकुर की जगह अपने पति कृष्णा चौधरी के घर में घुस गयी और उन्हें जबरन अपने बेडरूम से खींचने लगी. कृष्णा चौधरी की पत्नी सोनी देवी ने बताया कि वह अपने पति के साथ बिस्तर पर लेटी हुई थी. तभी दिल्ली पुलिस के पांच जवान कमरे में दाखिल हुए, उनमें से चार सादे कपड़ों में थे और एक दिल्ली पुलिस की वर्दी में था।

वे उनके शयनकक्ष में घुस गये और उनके पति कृष्णा चौधरी को जबरन उठा ले गये. जब उसने पुलिस से जबरन ले जाने का कारण पूछा तो पुलिस ने कहा कि उस पर रेप का आरोप है. जब सोनी ने वारंट मांगा तो पुलिस ने कागजात नहीं दिखाया. फिर बाद में उन्होंने बताया कि वे विक्की ठाकुर को गिरफ्तार करने आये हैं. इसके बाद कसबा गुदरी बाजार के लोग एकजुट हो गये और दिल्ली पुलिस को बंधक बना लिया.

सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय जनप्रतिनिधि गोपाल यादव के अनुरोध पर दिल्ली पुलिस से माफीनामा लिखने को कहा गया. फिर उन्हें रिहा कर दिया गया. इस संबंध में पूर्णिया एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस गलती से किसी दूसरे के घर चली गयी थी. लेकिन फिर स्थानीय लोगों की मदद से असली आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. एक गलतफहमी के चलते दिल्ली पुलिस को कुछ देर के लिए बंधक बना लिया गया.