नैनीताल, 22 मार्च (हि.स.)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने 22 वर्षीय नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में विषपान की वजह से हुई मौत के मामले में उसके पति को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अदालत को बताया गया कि 1 अगस्त 2022 को मुस्कान नाम की महिला की विषपान से संदेहास्पद एवं असामान्य परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी थी। मृत्यु के समय 22 वर्षीय मृतका के विवाह को 2 वर्ष से कम का समय हुआ था और उसकी बच्चे की उम्र 6 माह थी। उसका पति मो. राशिद पुत्र आबिद निवासी काबुल का बगीचा इंद्रानगर बनभूलपुरा (हल्द्वानी) उसकी मृत्यु के समय उसी कक्ष में था, जहां उसका शव पड़ा मिला था। राशिद अपनी पत्नी को शादी के बाद से ही दहेज में टीवी, फ्रिज, मोटरसाइकिल व एक लाख रुपये नकद की मांग करते हुए प्रताड़ित करता था।
इस मामले में न्यायालय ने दोषी पति को सजा सुनाने के साथ यह टिप्पणी भी की कि उसे कठोर दंड से दंडित किया जाना न्यायोचित है ताकि उसे न केवल अपने अपराध का समुचित दंड मिले, बल्कि इससे अन्य दहेज लोभी एवं लालची व्यक्तियों को भी सबक मिले।
इस मामले में न्यायालय ने दोषी मो. राशिद को दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 के तहत दोषमुक्त घोषित किया, अलबत्ता भारतीय दंड संहिता की की धारा 304 बी के तहत यानी शादी के 7 वर्ष से कम समय में प्रताड़ना से पत्नी की मृत्यु होने के अपराध में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 498 ए के तहत 3 वर्ष के कठोर कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न चुकाने पर 3 माह के अतिरिक्त कारावास एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा की अधिनियम की धारा 4 के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न चुकाने पर 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा मृतका के वर्तमान में 2 वर्षीय पुत्र मो. अलम को 2 लाख रुपये की सहायता दिलाने के आदेश भी दिये हैं।