खतरनाक है हंटिंगटन की बीमारी, दिमागी घबराहट से होने लगती है मौत, ये दवा कर सकती है बचाव

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हंटिंगटन रोग एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की नसें धीरे-धीरे टूटने लगती हैं। इससे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण पैदा होते हैं। यह बीमारी आमतौर पर 30 से 50 साल की उम्र में होती है और धीरे-धीरे गंभीर होती जाती है। इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है।

हालांकि, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि हृदय रोग और रक्तचाप की समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बीटा-ब्लॉकर दवा हंटिंगटन रोग की रोकथाम और उपचार में मददगार साबित हो सकती है।

हंटिंगटन के लक्षणों में अनियंत्रित हरकतें, कंपन, ऐंठन, निगलने में कठिनाई, स्पष्ट रूप से बोल न पाना और चलने में परेशानी शामिल है। इसके अलावा, रोगी को समय के साथ निगलने, बोलने और चलने में भी परेशानी होती है।

 

अनुसंधान का महत्व

आयोवा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हंटिंगटन रोग के लक्षणों पर बीटा-ब्लॉकर दवाओं के उपयोग के प्रभावों को देखा। इस शोध में पाया गया कि बीटा-ब्लॉकर दवाओं के उपयोग से उन लोगों में हंटिंगटन के लक्षणों की उपस्थिति में काफी कमी आई।

इस अवस्था में दवा का अधिक प्रभाव

शोध से पता चलता है कि बीटा-ब्लॉकर दवाएँ हंटिंगटन रोग के उपचार में सहायक हो सकती हैं, खासकर रोग के पहले चरण में। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि हंटिंगटन के उपचार में बीटा-ब्लॉकर्स एक संभावित चिकित्सा विकल्प हो सकता है।