पलामू, 26 जून (हि.स.)। जिले के हुसैनाबाद बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने हेतु बड़ेपुर बालू घाट पर जाने के रास्ते को जेसीबी से कटवाया और भंडारण किए गए अवैध बालू को सोन नदी में फेंकवाया गया। इस खबर को हुसैनाबाद के अंचल अधिकारी पंकज कुमार ने खूब प्रचारित कराया, लेकिन लोगों को यह जानकर काफी आश्चर्य हुआ कि यह महज एक खानापूर्ति थी। इसका जीता-जागता उदाहरण है कि बुधवार को भी बडे़पुर नदी घाट के किनारे सैकड़ों ट्रैक्टर बालू का अवैध भंडार मौजूद है। इसका फोटो इस खबर के साथ संलग्न है।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार अंचल अधिकारी ने जिले के उच्चाधिकारियों को भी गुमराह किया और अपनी पीठ थपथपवा ली, जबकि सच्चाई उक्त खबर से कोसों दूर है।
पिछले मई महीने के अंतिम सप्ताह में एक दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर के बाद अनुमंडल पदाधिकारी सह आईएएस अधिकारी पीयूष सिन्हा के निर्देश पर हुसैनाबाद अंचल पदाधिकारी पंकज कुमार ने हुसैनाबाद के बड़ेपुर सोन नदी तट पर अवैध बालू भंडारण के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर जेसीबी मशीन से सैकड़ों ट्रैक्टर अवैध बालू भंडारण को सोन नदी में फेंकवाने की केवल खानापूर्ति ही किये थे।
ग्रामीण सूत्रों की मानें तो जेसीबी मशीन के खराब होने के कारण बालू को सोन नदी में ही फ़ेंकवाने की केवल औपचारिकता पूरी की गई। अब सवाल उठना स्वाभाविक है कि अवैध बालू के मामले में अंचल अधिकारी हंसना और गाल फुलाना दोनों एक साथ चाहते हैं, जो संभव प्रतीत नहीं हो रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही अवैध बालू के कारोबार पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। अन्यथा प्रशासन की इच्छा शक्ति अगर किसी भी मामले में दृढ़ और मजबूत हो जाये तो मजाल है कि क्षेत्र में दो नंबर का धंधा फल-फूल सकेगा। अधिकारियों की कमजोरी का ही नतीजा है कि खनन माफिया बालू जैसी प्राकृतिक संपदा का दोहन कर मालामाल हो रहे हैं और प्रशासन अवैध धंधे को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।