हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बने। लेकिन यह सिर्फ पढ़ाई-लिखाई से संभव नहीं है। अगर बच्चों को छोटी उम्र से ही घर के छोटे-मोटे कामों की जिम्मेदारी दी जाए, तो वे जल्दी सीखते हैं और आत्मनिर्भर बनते हैं।
खेलकूद और पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को घर की छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंपना बेहद जरूरी है।
अगर आपके बच्चे की उम्र 12 साल या उससे ज्यादा है, तो यह सही समय है कि आप उसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे कामों के बारे में बताएंगे, जो आपके बच्चे को आत्मनिर्भर और कॉन्फिडेंट बनाने में मदद करेंगे।
1. अपना काम खुद करने के लिए करें मोटिवेट
सबसे पहला कदम यह है कि बच्चे को खुद से अपने काम करने के लिए प्रेरित करें।
कैसे करें?
स्कूल का होमवर्क – बच्चे को अपने होमवर्क और स्कूल प्रोजेक्ट खुद से करने दें।
डेली रूटीन डिसीजन – स्कूल यूनिफॉर्म तैयार करना, बैग पैक करना, टाइम मैनेजमेंट जैसी जिम्मेदारियां खुद लेने दें।
मॉनिटरिंग करें, लेकिन दखल न दें – अगर बच्चा गलती करे तो उसे प्यार से समझाएं, लेकिन हर काम में उसकी मदद करने से बचें।
फायदा: इससे बच्चा आत्मनिर्भर बनेगा, डिसीजन मेकिंग सीखेगा और उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
महिलाओं को आर्थिक मामलों की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए – जानें कैसे करें फाइनेंशियल मैनेजमेंट
2. अपने कमरे की सफाई खुद करने दें
बच्चों को बचपन से ही अपने कमरे की सफाई करने की आदत डालनी चाहिए।
क्या करें?
बच्चे को रोज अपने कमरे की सफाई करने के लिए कहें।
खिलौने, किताबें और कपड़े सही जगह पर रखने की आदत डालें।
बच्चे को समझाएं कि गंदगी में रहना सेहत के लिए ठीक नहीं है।
फायदा: इससे बच्चा व्यवस्थित रहना सीखेगा और दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगा।
3. कपड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी दें
12 साल की उम्र तक आते-आते बच्चों को अपने कपड़ों की देखभाल करना आना चाहिए।
कैसे करें?
कपड़े समय पर धोने, प्रेस करने और अलमारी में सही से रखने की जिम्मेदारी दें।
उन्हें यह भी सिखाएं कि कपड़ों को कैसे अलग-अलग फोल्ड किया जाता है।
फायदा:
बच्चे साफ-सफाई का महत्व समझेंगे और खुद के काम खुद करना सीखेंगे।
4. किचन का बेसिक काम सिखाएं
लड़का हो या लड़की, हर बच्चे को बेसिक कुकिंग स्किल आनी चाहिए।
कैसे सिखाएं?
बच्चे को ब्रेड सेकना, चाय बनाना, दाल-चावल धोना, सब्जी काटना और हल्के-फुल्के स्नैक्स बनाना सिखाएं।
सिखाते समय उनकी सुरक्षा का ध्यान रखें – गैस के पास अकेला न छोड़ें।
फायदा:
भविष्य में अगर बच्चा अकेले रहता है या हॉस्टल जाता है, तो उसे खाने-पीने की समस्या नहीं होगी।
बच्चे को सेल्फ-डिपेंडेंट बनने में मदद मिलेगी।
5. छोटे-मोटे घर के काम सौंपें
बच्चे को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां देने से उनमें मैनेजमेंट स्किल्स डेवलप होती हैं।
क्या करवा सकते हैं?
घर की ग्रॉसरी लिस्ट बनाने में मदद लें।
घर का छोटा-मोटा सामान मंगवाएं।
डाइनिंग टेबल सेट करने या बर्तन रखने की जिम्मेदारी दें।पौधों को पानी देने या पालतू जानवरों की देखभाल करने का काम सौंपें।
फायदा:
बच्चे को मनी मैनेजमेंट, डिसिप्लिन और जिम्मेदारी का एहसास होगा।
वह बाहरी दुनिया के साथ घुलना-मिलना भी सीखेगा।
6. मनी मैनेजमेंट सिखाएं
बच्चों को छोटी उम्र से ही पैसे की वैल्यू समझाना बहुत जरूरी है।
कैसे करें?
पॉकेट मनी दें, लेकिन साथ ही सेविंग करना भी सिखाएं।
उन्हें बताएं कि पैसे कहां और कैसे खर्च करने चाहिए।
घर के खर्चों से जुड़ी बेसिक जानकारी दें।
फायदा:
बच्चे बचत करना सीखेंगे और फिजूलखर्ची से बचेंगे।
उन्हें पैसों की अहमियत समझ में आएगी।
7. प्लानिंग और टाइम मैनेजमेंट सिखाएं
समय का सही उपयोग करना भी आत्मनिर्भर बनने का एक अहम हिस्सा है।
कैसे करें?
बच्चे को डेली रूटीन प्लान करने के लिए कहें।
स्टडी टाइम, प्ले टाइम और फ्री टाइम को बैलेंस करने में मदद करें।
बच्चे को खुद से स्कूल बैग पैक करने दें।
फायदा:
टाइम मैनेजमेंट स्किल डेवलप होगी।
बच्चा डिसिप्लिन में रहेगा और अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाएगा।