यदि आप 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं तो निर्जलीकरण से कैसे बचें!

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान 21 मई 2024 को अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम में अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स को चीयर कर रहे थे, उस समय तापमान करीब 45 डिग्री सेल्सियस था और तभी शाहरुख डिहाइड्रेशन  और हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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निर्जलीकरण क्यों होता है?

गर्मी के मौसम में जब आप लंबे समय तक धूप और उच्च तापमान के संपर्क में रहते हैं, तो इस वजह से शरीर का ज़्यादातर पानी खत्म हो जाता है और फिर शरीर का कोर तापमान बढ़ने लगता है। इससे सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय हो जाता है और शरीर स्ट्रेस हॉरमोन छोड़ने लगता है। पानी की कमी से खून की मात्रा भी कम हो जाती है। खून के गाढ़ा होने से दिल और धमनियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में हमारी त्वचा तेज़ी से गर्मी विकीर्ण करती है। इस स्थिति में पसीना कम आता है और शरीर ठंडा नहीं हो पाता। यही हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का कारण बनता है 

निर्जलीकरण से बचने के लिए क्या करें?

इस भीषण गर्मी में आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए, अगर आपकी उम्र 50 से ऊपर है तो आपको और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। वरना थोड़ी सी लापरवाही भी आपको नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है।

1. पानी पीते रहें

हमारे शरीर का ज़्यादातर हिस्सा पानी से बना है, अगर इसकी कमी हो जाए तो डिहाइड्रेशन हो सकता है, इससे बचने के लिए आपको दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना होगा। इसके अलावा आप नारियल पानी, नींबू पानी और कई तरह के ताजे फलों का जूस पी सकते हैं।

2. घर से कम बाहर निकलें

जब बाहर गर्मी और धूप हो, तो घर पर ही रहने की कोशिश करें और घर से तभी बाहर निकलें जब बहुत ज़रूरी हो। बाहर जाते समय सीधी धूप से बचें, हल्के, सूती और ढीले-ढाले कपड़े पहनें और स्कार्फ़, टोपी, कैप या दुपट्टे का इस्तेमाल करें। हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें।

3. कार का उपयोग कैसे करें

दिन के समय आपकी कार ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण आग की भट्टी बन जाती है, ऐसे में कार के अंदर बैठने से पहले करीब 10 मिनट के लिए एसी चालू करें और फिर उसे चलाएं। अपने गंतव्य पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले एसी बंद कर दें, ताकि आप बाहर के तापमान के अनुकूल हो जाएं।

4. लक्षणों को पहचानें

डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आपको इससे जुड़े लक्षणों को पहले ही पहचान लेना चाहिए। अगर आपका पेशाब गहरे पीले रंग का हो रहा है, मुंह और गला सूखा हुआ है, सिर में दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, बुखार, निम्न रक्तचाप और हृदय गति बढ़ गई है तो तुरंत पानी पिएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।