SBI Cards कैसे गंवा बैठा मार्केट शेयर? नई CEO के सामने बड़े चालेंज—क्या फिर से टॉप 2 में लौट पाएगा ये कार्ड जायंट?

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SBI Cards & Payments Services का हालिया समय चुनौतीभरा रहा है। जहां HDFC Bank अब भी 27% से ज्यादा मार्केट शेयर के साथ सबसे ऊपर है, वहीं ICICI Bank ने 18.2% और SBI Cards सिर्फ 16.7% मार्केट शेयर (क्रेडिट कार्ड स्पेंड्स में, जून 2025) पर सिमट गया है। वहीं कार्ड्स-इन-फोर्स यानी एक्टिव क्रेडिट कार्ड्स में SBI Cards का शेयर थोड़ा बेहतर (19.1%) जरूर है।

मुनाफा, रिस्क और पिछली गलतियां

Q1 में SBI Cards का मुनाफा घटकर ₹556 करोड़ रह गया (पिछले साल इसी तिमाही में ₹594 करोड़ था)।

क्रेडिट कॉस्ट (दिवाला अथवा डिफॉल्ट से होने वाला नुकसान) चार साल के उच्चतम स्तर 9.6% पर पहुंच गया।

पिछली रणनीति में कुछ ऐसे सेगमेंट के कस्टमर्स भी कार्ड दिए गए, जिन्हें बाकी बैंक रिजेक्ट करते रहे—इससे डिफॉल्ट के केस बढ़े।

नए ग्राहक जोड़ने में काफी सतर्कता बरती जा रही है, जिससे नए खाते कम खुले, लेकिन पुराने खाते ज्यादा स्ट्रेस में हैं।

क्या है SBI Cards की रणनीति?

सलेक्टिव कस्टमर ऑनबोर्डिंग: अब कंपनी सिर्फ भरोसेमंद सेगमेंट में ज्यादा फोकस कर रही है, रिस्की ग्राहकों पर ब्रेक लगाया गया है।

सिस्टम क्लीन-अप: पुराने खराब खातों की सफाई पर फोकस—लेकिन ये काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

नई कार्ड इश्यू टेम्पो: टारगेट है हर तिमाही 9-10 लाख नए कार्ड जारी करना, लेकिन ग्रोथ रणनीति में आक्रामकता घट गई है।

मार्जिन: Q1 में मार्जिन 11.2% रहा, कंपनी उम्मीद कर रही है कि Q2FY25 से यह थोड़ा बेहतर होगा।

टॉप मैनेजमेंट का संकट

नई MD और CEO Salila Pande ने 1 अप्रैल 2025 से कमान संभाली है, पर दो साल का कार्यकाल इतना बड़ा बदलाव लाने के लिए शायद कम हो।

पिछले महीने चीफ रिस्क ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया, जिससे टॉप मैनेजमेंट अस्थिरता की भी चुनौती है।

SBI Cards के सामने चुनौतियां

बाजार में गिरता शेयर और डिफॉल्ट की समस्या

मजबूत प्रतियोगी (HDFC, ICICI)

महंगी फंडिंग व उच्च ऑपरेशन कॉस्ट

टॉप मैनेजमेंट का उच्च स्तर पर बदलाव

स्टॉक की कीमतों में गिरावट (₹1,100 → ₹804 )

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