पूरी दुनिया में युद्ध, युद्धविराम और शांति की बातें हो रही हैं। लेकिन कोई भी शांत होने की बात नहीं कर रहा है। हाल ही में, युद्ध विराम के बीच इज़रायली सेना के हमलों से गाजा में तबाही मची है। बमबारी में गाजा में सक्रिय कई हमास लड़ाके और नागरिक मारे गए हैं। 1987 में गठित हमास को इजरायली सेना का दुश्मन माना जाता है। यह संगठन 2007 से गाजा में सक्रिय है। रिपोर्ट के अनुसार इस संगठन में 25 हजार लड़ाके हैं। जो ड्रोन से लेकर मिसाइल तक सब कुछ चलाना जानते हैं। अक्टूबर 2023 में हमास के लड़ाकों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए इजरायल पर हमला कर दिया, जिसमें 1200 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
हमास आर्थिक रूप से कितना मजबूत है?
एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास हर साल करीब 700 मिलियन डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपए) कमाता है। हमास यह पूंजी मुख्यतः दान और लेवी के माध्यम से जुटाता है। इस धन से वह हथियार बनाता है और अपने लड़ाकों को प्रशिक्षित करने पर खर्च करता है। हमास इस धन का उपयोग अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी करता है। हमास को मिस्र, जॉर्डन और ईरान जैसे देशों से धन प्राप्त होता है। हथियारों की बात करें तो हमास के लड़ाके ज्यादातर इजरायली हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। इज़रायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमास के लड़ाके चोरी और तस्करी के माध्यम से इज़रायल से हथियार प्राप्त करते हैं। इतना ही नहीं, गाजा में जो भी इजरायली हथियार छूट जाते हैं, उन्हें हमास लड़ाके दोबारा तैयार कर लेते हैं।
हमास लड़ाकों को कितना पैसा मिलता है?
हमास अपने लड़ाकों को मासिक आधार पर वेतन नहीं देता है। हमास पैसा देने के लिए 3 तरीके अपनाता है। हमास एक प्रशिक्षित लड़ाके और उसके परिवार का पूरा खर्च वहन करता है। किसी लड़ाके की मृत्यु पर वह उसके परिवार को लगभग 16 लाख रुपए देते हैं। हमास लड़ाकों के परिवार के लिए आवास भी उपलब्ध कराता है। इसके अलावा हमास अनुबंध के आधार पर भी लड़ाकों की भर्ती करता है। इजरायली रक्षा विभाग के अनुसार, इसके तहत एक इजरायली नागरिक को गाजा लाने के लिए 8 लाख रुपए और एक फ्लैट दिया जाता है। हमास समय-समय पर जीवित बचे लड़ाकों को उनके खर्च के लिए एकमुश्त धनराशि भी देता है। हमास लड़ाके अपना अधिकांश धन अपनी सुरक्षा पर खर्च करते हैं।