गुजरात और राजस्थान समेत ज्यादातर राज्य इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं. लू के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
कई जगहों पर तापमान इतना बढ़ गया है कि गर्मी के कारण न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान का शरीर कितना तापमान झेल सकता है?
मानव शरीर कितना तापमान सहन कर सकता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.9 डिग्री फ़ारेनहाइट होता है। जो आपके आसपास के वातावरण यानि बाहर के तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर है। विज्ञान के अनुसार मनुष्य गर्म रक्त वाले स्तनधारी हैं। जो 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेल सकता है। मानव शरीर में एक विशेष तंत्र होमोस्टैसिस है, जो इस तापमान पर भी व्यक्ति को सुरक्षित रखता है।
कितने तापमान से होगी दिक्कत?
मनुष्य 42 डिग्री तापमान में रह सकता है और इससे अधिक तापमान मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक गर्मी से होने वाली मौतों में 257 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
विज्ञान कहता है कि मानव शरीर 35 से 37 डिग्री तक का तापमान बिना किसी समस्या के सहन कर सकता है, जबकि यही तापमान जब 40 डिग्री तक पहुंच जाता है तो लोगों को परेशानी होने लगती है। इस पर हुए शोध के मुताबिक अधिकतम 50 डिग्री का तापमान इंसान के लिए सहन करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
यदि तापमान इससे अधिक पहुंच जाए तो यह जीवन के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2000-04 और 2017-2021 के बीच आठ वर्षों में भारत में गर्मी की लहरें बहुत अधिक थीं और इस अवधि के दौरान गर्मी से संबंधित मौतों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
गर्मी कब मौत का कारण बनती है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, तापमान 45 डिग्री होने पर बेहोशी, चक्कर आना या घबराहट और निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं आम हैं। यदि आप लंबे समय तक 48 से 50 डिग्री या इससे अधिक तापमान में रहते हैं, तो मांसपेशियां अत्यधिक प्रतिक्रिया कर सकती हैं जिससे मृत्यु हो सकती है।