नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस, गृह मंत्रालय ने सीबीआई को दी इजाजत

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Land For Job Scam Case: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किल बढ़ गई है. केंद्र सरकार ने कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. गृह मंत्रालय ने सीबीआई की अंतिम चार्जशीट पर सुनवाई की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को दिल्ली कोर्ट में होगी. सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय को भी आवेदन दिया है. जांच एजेंसी को जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

 

 

वहीं, एक दिन पहले ही नौकरी के बदले जमीन के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी लालू परिवार की परेशानी बढ़ गई है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को ईडी की पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया और मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को तलब किया. कोर्ट ने उन्हें 7 अक्टूबर को पेश होने को कहा है. खास बात यह है कि लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी इस मामले में पहली बार कोर्ट का समन मिला है. 

क्या है पूरा मामला?

मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. आरोप है कि उनके कार्यकाल में रेलवे ग्रुप डी के पदों पर नियमों की अनदेखी कर कुछ लोगों को नौकरी दी गयी. नौकरी पाने के लिए लोगों ने बाजार से पांच गुना कीमत पर अपनी जमीनें लालू परिवार को बेच दीं. इनमें से कुछ जमीनें लालू यादव के परिवार के नाम पर थीं जबकि कुछ उनके करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के नाम पर थीं। सीबीआई मामले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रही है। दोनों जांच एजेंसियों ने लालू परिवार के सदस्यों पर शिकंजा कस दिया है.