HMPV वायरस समेत ये 5 कारण.. शेयर बाजार में क्यों मचा हाहाकार?

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सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान शेयर बाजार हरे निशान पर खुला लेकिन कुछ ही घंटों में बाजार में अचानक भूचाल आ गया। इसे देखते हुए बाजार 1200 अंक से ज्यादा नीचे चला गया. सेंसेक्स गिरकर 77,964 अंक पर और निफ्टी 388.70 अंक गिरकर 23,616 अंक पर बंद हुआ। जबकि इंडेक्स का ऑल टाइम हाई 85,978.25 अंक है, इस तरह से देखा जाए तो सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से करीब 8000 अंक टूट चुका है, यानी 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट.

 

पिछले तीन महीने से निवेशक परेशान हैं. पिछले 3 महीने से निफ्टी 24 हजार के आसपास है। माना जा रहा है कि जनवरी महीने में बाजार ऊपर जाएगा। चूंकि बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा और सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था पर है, इसलिए कई क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय की घोषणाएं की जा सकती हैं। लेकिन अभी तक बाजार को कहीं से भी मजबूती मिलती नजर नहीं आ रही है.

6 जनवरी को बाजार में गिरावट के ये हैं कारण

चीन में एक नया वायरस

चीन में एक बार फिर नया वायरस सामने आया है, जिससे निवेशक चिंतित हैं। भारतीय बाजार में गिरावट की यह बड़ी वजह बताई जा रही है, क्योंकि चीन में फैले इस नए वायरस का पहला मामला बेंगलुरु में देखा गया है। हालांकि यह शुरुआती दौर में है और सरकार सतर्क है, लेकिन निवेशकों के मन से कोरोना महामारी का डर अभी दूर नहीं हुआ है.

वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव

हाल ही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ अस्थिरता देखी गई है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका में शपथ लेंगे, पूरी दुनिया की नजर उन पर है. अगर ट्रंप कोई कड़ा फैसला लेते हैं तो इसका असर वैश्विक बाजार पर पड़ेगा।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 76.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जबकि WTI क्रूड 74.14 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है. अगर कच्चे तेल की कीमत और बढ़ी तो इसका असर भारत पर देखने को मिलेगा. खासकर महंगाई दर बढ़ने की आशंका बढ़ जाएगी.

डॉलर में मजबूती जारी रही

डॉलर का मजबूत होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 85.82 रुपये हो गई है. जिससे निर्यात और आयात दोनों प्रभावित होते हैं. जिसका सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ रहा है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की ओर से भी बिकवाली जारी है. भारतीय बाजार में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी निवेशकों की रोजाना बिकवाली है।

तीसरी तिमाही के नतीजों पर सस्पेंस

भारतीय कंपनियां इस सप्ताह से तीसरी तिमाही के नतीजे पेश करना शुरू कर देंगी। इस सप्ताह टीसीएस समेत कई बड़ी कंपनियां अपने नतीजे पेश करेंगी। इस बीच देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने तीसरी तिमाही का अपडेट दिया है। जो कमजोर नजर आ रहा है. जिसके चलते आज बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ रहा है।

इन सभी कारणों का मिलाजुला असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। यह निवेशकों के लिए धैर्य और विवेकपूर्ण रहने का समय है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि में बाजार फिर से स्थिर हो सकता है। ऐसे में निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखें।