2024 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले: भारतीय न्यायपालिका के नए आयाम

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वर्ष 2024: न्यायपालिका की नई परिभाषा
2024 भारतीय सुप्रीम कोर्ट के लिए एक ऐसा साल साबित हुआ, जिसने संवैधानिक, सामाजिक, और कानूनी दृष्टिकोण से कई ऐतिहासिक फैसले दिए। इन निर्णयों ने न केवल न्यायपालिका की शक्ति को मजबूत किया बल्कि भारतीय लोकतंत्र को भी नई दिशा दी। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व में अदालत ने पारदर्शिता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, संपत्ति अधिकार, और अन्य जटिल मुद्दों पर विचार करते हुए कई विवादास्पद विषयों का निपटारा किया।

आइए, 2024 के इन अहम फैसलों और उनके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करें।

1. चुनावी बॉन्ड योजना असंवैधानिक घोषित

फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गुमनाम दानदाताओं के माध्यम से राजनीतिक दलों को फंडिंग पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है।

  • मुख्य निर्णय:
    कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का हनन है।
  • प्रभाव:
    राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता बढ़ी और जनता को राजनीतिक दलों के वित्तीय स्रोत जानने का अधिकार मिला।

2. धार्मिक स्थलों पर विवादों पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों पर निर्णय देने से रोक लगा दी।

  • अहम पहल:
    ज्ञानवापी, मथुरा और अन्य मामलों में कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थलों के विवाद समाज में सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • लंबी अवधि का प्रभाव:
    यह निर्णय सांप्रदायिक तनाव को कम करने और कानूनी मामलों को सही दिशा देने में सहायक साबित हुआ।

3. बिलकिस बानो मामले में दोषियों की सजा माफी रद्द

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दी गई सजा माफी को अनुचित ठहराया।

  • न्यायालय का रुख:
    कोर्ट ने कहा कि गंभीर अपराधों में सजा माफी न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
  • परिणाम:
    इस फैसले ने यौन अपराधों से संबंधित मामलों में न्यायपालिका की दृढ़ता को दर्शाया।

4. बुलडोजर कार्रवाई पर रोक

2024 में कोर्ट ने बिना पूर्व सूचना के अतिक्रमण विरोधी बुलडोजर कार्रवाइयों पर रोक लगाई।

  • फैसले की मुख्य बातें:
    बिना कानूनी प्रक्रिया के संपत्तियों को नष्ट करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
  • महत्व:
    इस निर्णय ने प्रशासनिक कार्यों में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य कर दिया।

5. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की नियुक्ति

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 2024 में मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और कई सुधार किए।

  • प्रमुख सुधार:
    • मामलों की सूचीबद्धता की प्रक्रिया को सरल बनाना।
    • लंबित मामलों के निपटारे के लिए त्वरित उपाय लागू करना।
  • प्रभाव:
    इससे न्यायपालिका की कार्यक्षमता में सुधार हुआ।

6. व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में सक्रियता

सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया।

  • फैसले:
    • गिरफ्तारी अंतिम उपाय के रूप में होनी चाहिए।
    • जमानत याचिकाओं का शीघ्र निपटारा किया जाए।
  • परिणाम:
    नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को मजबूती मिली।

7. उपासना स्थलों के विवाद

ज्ञानवापी और मथुरा जैसे विवादों पर सुप्रीम कोर्ट ने सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया।

  • निर्णय:
    अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में निर्णय लेते समय सामाजिक और सांप्रदायिक पहलुओं का ध्यान रखना चाहिए।
  • प्रभाव:
    धार्मिक विवादों में न्यायपालिका की संवेदनशीलता उजागर हुई।

8. विशेष लोक अदालतों का आयोजन

न्यायिक प्रणाली को गति देने के लिए विशेष लोक अदालतों का गठन किया गया।

  • उद्देश्य:
    सभी वर्गों के लिए न्याय सुलभ और तेज़ बनाना।
  • परिणाम:
    विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित हुआ।

9. NEET पात्रता पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने ओपन स्कूल छात्रों को NEET परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी।

  • फैसले का प्रभाव:
    चिकित्सा शिक्षा के द्वार ओपन स्कूलिंग छात्रों के लिए खुले।

10. न्यायिक सेवा में पदोन्नति मानदंड

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायिक सेवा पदोन्नति मानदंड को बरकरार रखा गया।

  • मुख्य निर्णय:
    साक्षात्कार में न्यूनतम 50% अंक आवश्यक होना न्याय की गुणवत्ता के लिए उचित है।
  • महत्व:
    यह निर्णय न्यायिक सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।

11. संपत्ति अधिकार का विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर-भारतीय नागरिक भी संपत्ति अधिकार के दायरे में आते हैं।

  • प्रभाव:
    संपत्ति अधिकार का दायरा बढ़ा, जिससे विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिला।

12. स्थगन आदेशों पर पुनर्विचार

2018 के फैसले को पलटते हुए कोर्ट ने स्थगन आदेशों के स्वतः समाप्त होने के नियम को हटाया।

  • महत्व:
    इससे न्यायिक विवेक का उपयोग अधिक प्रभावी हुआ।

13. खनिज और खदान कराधान अधिकार

राज्यों को खनिज और खदान पर कर लगाने का अधिकार दिया गया।

  • परिणाम:
    राज्यों की राजस्व शक्ति में वृद्धि हुई।

14. आरक्षित श्रेणियों में उप-वर्गीकरण

राज्यों को अनुसूचित जातियों और जनजातियों में उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई।

  • अहम पहल:
    यह निर्णय सामाजिक समानता और समावेशिता के लिए महत्वपूर्ण है।

15. जलवायु परिवर्तन और मौलिक अधिकार

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण पर फैसले में कोर्ट ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया।

  • प्रभाव:
    पर्यावरणीय संरक्षण को संवैधानिक मान्यता मिली।