हिसार:अपराधिक घटनाओं व अपराधियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध में बंद रहे बाजार

हिसार, 5 जुलाई (हि.स.)। शहर में तीन स्थानों से मांगी गई करोड़ों की रंगदारी व अन्य आपराधिक घटनाओं के विरोध में प्रदेश व्यापार मंडल के आह्वान पर विभिन्न संगठनों द्वारा हिसार बंद के दौरान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों व दुकानदारों ने सरकार पर अपराधियों को न पकड़ने का आरोप भी लगाया।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश व्यापार मंडल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व अन्य संगठनों के पदाधिकारी नागोरी गेट पहुंचे। यहां पर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। हिसार बंद के दौरान विभिन्न बाजार, पैट्रोल व अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे वहीं सत्तारूढ़ भाजपा का कोई पदाधिकारी या नेता इस दौरान दिखाई नहीं दिया। प्रदेश व्यापार मंडल ने हिसार बंद को सफल बताते हुए ऐलान किया है कि यदि शीघ्र ही अपराधियों को नहीं पकड़ा गया तो हरियाणा बंद पर विचार किया जाएगा। हड़ताल के दौरान व्यापारियों ने भारी संख्या में इकट्ठे होकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

हड़ताल के दौरान राजगुरु मार्केट, राजगुरु मार्केट ऑर्गेनाइजेशन, मैंन बाजार, गांधी चौक, तेलियान पुल, आर्य बाजार, अनाज मंडी, लोहा मंडी, काठ मंडी, गणेश मार्केट, तिलक बाजार, सर्राफा एसोसिएशन, बस अड्डा एसोसिएशन, भगत सिंह मार्केट, होलसेल मार्केट, ऑटो मार्केट, बार एसोसिएशन, पेट्रोल पंप, सभी मॉल, टैक्स बाजार एसोसिएशन, मेडिकल एसोसिएशन, इंडिया मेडिकल एसोसिएशन, पटेल नगर, मॉडल टाउन, इंदिरा मार्केट, पीएलए मार्केट, फ्लेमिंगो मार्केट, डोगरण मोहल्ला मार्केट आदि सभी बाजार पूरी तरह ऐतिहासिक बंद रहे। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हिसार बंद देश व प्रदेश के इतिहास में ऐतिहासिक रहा है।

उन्होंने कहा कि आज अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि वे दिनदहाड़े गोलियां चलाकर फिरौती व मंथली मांग रहे हैं और लगातार लूटपाट व हत्या तक कर रहे हैं। हरियाणा में लगातार अपराध बढ़ने पर प्रदेश का व्यापारी व आम जनता में पूरी तरह से भय का माहौल है। सरकार व्यापारी व आम जनता की जान माल की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल राज्य स्तरीय व्यापारी प्रतिनिधि सम्मेलन करके हरियाणा बंद का आह्वान करेगा। इस अवसर पर सभी व्यापारिक संगठन, धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं, किसान व कर्मचारी संगठन, सभी दलों के नेताओं ने भरपूर समर्थन दिया।