हिसार: शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही बीएससी-बीएड व बीए-बीएड कोर्सिज करवाएगा गुजवि

हिसार, 16 अप्रैल (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि) में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड कोर्सिज पढ़ाए जाएंगे। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, नई दिल्ली (एनसीटीई) द्वारा गुजविप्रौवि को इंटेग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) के लिए चयनित किया गया है। विश्वविद्यालय आईटीईपी को देशभर में संचालित कर रहे 64 शिक्षण संस्थानों में से एक होगा। यह विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने मंगलवार को बताया कि आईटीईपी के तहत बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड कोर्सिज के लिए 50-50 सीटें निर्धारित की गई हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के तहत ये कोर्सिज संचालित किए जाएंगे। शिक्षा मंत्रालय के एक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कौशलयुक्त शिक्षक तैयार करने के लिए ये कोर्स शुरू किए गए हैं। विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध व शिक्षण व्यवस्था है। विश्वविद्यालय में विज्ञान व तकनीकी कोर्सों के साथ-साथ कला व प्रबंधन के प्रतिष्ठित कोसों का संचालन हो रहा है। विश्वविद्यालय भविष्य के लिए श्रेष्ठ शिक्षक तैयार कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय में संचालित कला, प्रबंधन, विज्ञान व तकनीक के विषयों के अध्ययन के साथ-साथ भविष्य के अध्यापकों में संबंधित शैक्षणिक कौशल को विकसित किया जाएगा। शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. वंदना पूनिया ने बताया कि विश्वविद्यालय में संचालित बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड कोसों में आधुनिक तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। डिजिटल लर्निंग तकनीक तथा नई पेडोलॉजिकल स्किल्स विश्वविद्यालय में इन कोसों में मुख्य रूप से लागू की जाएंगी। विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं।

30 अप्रैल तक करने होंगे आवेदन

इस चार वर्षीय इंटेग्रेटिड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को 30 अप्रैल तक आवेदन करना होगा। विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा एजेंसी (एनटीए) की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। 12 जून को दाखिले के लिए नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) होगा। दो से चार मई के बीच विद्यार्थी अपने फार्म में संशोधन कर सकेंगे। आईटीईपी दोहरा मेजर कार्यक्रम है। इसमें पहला मेजर स्कूल शिक्षा से संबंधित है, जबकि दूसरा मेजर निश्चित विषय से संबंधित है। प्रवेश परीक्षा में चार सैक्शन होंगे, जिसमें भाषा, सामान्य ज्ञान, टीचिंग एप्टीट्यूड तथा निश्चित विषय शामिल हैं।