आईटी सेक्टर में हायरिंग का माहौल धीरे-धीरे सुधर रहा है। कोविड महामारी के बाद की डिमांड भले ही अब तक पूरी तरह से वापस नहीं आई हो, लेकिन हायरिंग में 10% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी नौकरीडॉटकॉम की पैरेंट कंपनी इंफो ऐज (Info Edge) के एमडी हितेश ओबेरॉय ने दी। उन्होंने कहा कि न केवल आईटी, बल्कि अन्य सेक्टर्स में भी हायरिंग की रफ्तार सकारात्मक है।
हायरिंग ट्रेंड्स और जॉब ग्रोथ
- नौकरी जॉबस्पीक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 में एआई से जुड़ी नौकरियों में 36% सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
- 16 सेक्टर्स में से केवल 3 में गिरावट देखने को मिली।
- कुल जॉब इंडेक्स ने सालाना और मासिक आधार पर 9% की वृद्धि दिखाई।
- हायरिंग का माहौल बेहतर बनाए रखने के लिए इकॉनमी को कम से कम 6% की रफ्तार से बढ़ने की आवश्यकता है।
सबसे अधिक मांग: एआई प्रोफेशनल्स की
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उच्च गुणवत्ता वाले पेशेवरों की मांग सबसे ज्यादा है।
- प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़े एआई प्रोफेशनल्स को अन्य आईटी प्रोफेशनल्स के मुकाबले बेहतर सैलरी दी जा रही है।
- शुरुआती स्तर पर 8-10 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की सैलरी ऑफर की जा रही है।
- इंफो ऐज ने भी एआई से जुड़े पेशेवरों की हायरिंग बढ़ाई है और जल्द ही एआई आधारित प्रोडक्ट्स लॉन्च करने की योजना बना रही है।
इकॉनमी और हायरिंग का संबंध
- हितेश ओबेरॉय का मानना है कि गल्फ देशों की कंपनियां भारत से बड़े पैमाने पर हायरिंग कर रही हैं।
- टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स भी हायरिंग को बढ़ावा दे रही हैं।
- इंफो ऐज की बिलिंग ग्रोथ सितंबर तिमाही से दोहरे अंकों में है, जो हायरिंग में सुधार का संकेत देती है।
- उन्होंने कहा कि नॉन-आईटी सेक्टर में हायरिंग भी बेहतर हो रही है, विशेषकर एंट्री-लेवल टैलेंट के लिए।
नॉन-आईटी हायरिंग: छोटे शहरों में बढ़ी मांग
- दक्षिण भारत और छोटे शहरों में नॉन-आईटी टैलेंट की मांग बढ़ रही है।
- एंट्री-लेवल हायरिंग के लिए बेहतर माहौल बन रहा है।
- ओबेरॉय ने कहा कि जब देश की इकॉनमी 6-7% की रफ्तार से बढ़ती है और यह गति 2-3 साल तक बनी रहती है, तो टैलेंट की कमी देखने को मिलती है।