Hindu Festival : कजरी तीज पर चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व, जानें पूजा और पारण की पूरी जानकारी
- by Archana
- 2025-08-12 11:19:00
Newsindia live,Digital Desk: कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसे वे पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही इसका पारण किया जाता है। इस साल कजरी तीज 12 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी।
चंद्रोदय का समय और अर्घ्य की विधि
कजरी तीज के दिन महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखती हैं और शाम को सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। व्रत का समापन चंद्रमा के दर्शन और पूजन के साथ होता है। इस वर्ष कजरी तीज पर चंद्रोदय का अनुमानित समय रात 8:40 बजे से लेकर 9:00 बजे के बीच है।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए एक थाली में जल, दूध, रोली, अक्षत और कुछ मीठा रखें। हाथ में गेहूं के दाने और चांदी की अंगूठी लेकर चंद्रमा को "ओम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के बाद उसी स्थान पर खड़े होकर चार बार परिक्रमा करें और भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद लें। यदि किसी कारणवश चंद्रमा दिखाई न दे, तो चंद्रोदय के अनुमानित समय पर आकाश की ओर मुख करके अर्घ्य दिया जा सकता है।
व्रत पारण की विधि
चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। पारण के लिए सबसे पहले प्रसाद में चढ़ाया हुआ सत्तू खाकर व्रत खोला जाता है। इस दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाने की परंपरा है।चूंकि यह व्रत निर्जला होता है, इसलिए सबसे पहले पानी पीकर शरीर को आराम दें, उसके बाद सत्तू और अन्य प्रसाद ग्रहण करें।
इस दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार की वस्तुएं जैसे मेहंदी, चूड़ी, सिंदूर आदि दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है, इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह भी ध्यान रखने योग्य है कि इस वर्ष कजरी तीज के साथ बहुला चतुर्थी भी है, इसलिए गाय के दूध से बनी किसी भी चीज का सेवन करने से बचना चाहिए।
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