देश में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, जो देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करती हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी आधिकारिक भाषा और लिपि होती है। लेकिन हिंदी वह भाषा है जो आधे से ज्यादा देश को जोड़ती है। हिंदी अधिकांश भारतीयों की मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है। हालाँकि, हिंदी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला है। लेकिन संविधान में हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है। हिंदी की व्यापकता एवं उपयोगिता को बनाए रखने के लिए सरकारी कार्यालयों का अधिकांश कार्य हिंदी में किया जाता है।
हालाँकि, समय के साथ अंग्रेजी का उपयोग भी बढ़ा है। लेकिन हिंदी के महत्व को बढ़ावा देने और बनाए रखने के लिए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस का उद्देश्य न केवल भारत में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस अध्याय में हिंदी दिवस को खास तरीके से मनाया जाता है. लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि हिंदी दिवस कब मनाया जाता है। इस असमंजस का कारण यह है कि हिंदी दिवस के साथ दो महत्वपूर्ण तिथियां जुड़ी हुई हैं। 10 जनवरी और 14 सितंबर. तो आइए जानते हैं इन दोनों तारीखों के बीच कितना अंतर है और देश में हिंदी दिवस कब मनाया जाता है।
भारत में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिंदी के महत्व को उजागर करने के लिए कई समारोह और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में हिंदी से संबंधित प्रतियोगिताएं, सेमिनार और व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। साथ ही हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वालों को राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौड़ से सम्मानित किया जाता है।
हिंदी दिवस को लेकर असमंजस की स्थिति
कई लोगों को यह भ्रम है कि 10 जनवरी और 14 सितम्बर दोनों ही हिन्दी दिवस के रूप में मनाये जाते हैं। सच तो यह है कि 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस और 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दोनों का उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है, लेकिन उनके बीच एक ऐतिहासिक अंतर है।
विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार को समर्पित है। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर, महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण घटना के बाद हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि नॉर्वे स्थित भारतीय दूतावास ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया। इसके बाद हिंदी को वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से यह दिन अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत आज़ादी के बाद हुई। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी। तब भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इसलिए 14 सितंबर 1953 से राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।