हिंडनबर्ग: हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI चेयरपर्सन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- घोटाले में शामिल हैं अडानी कनेक्शन

Fec53674a89295e86adccb5abe115efc

माधबी पुरी बुच: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर नया दावा किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति की भी अडानी मनी घोटाले में इस्तेमाल किए गए संदिग्ध ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने व्हिसिलब्लोअर दस्तावेजों में कहा कि हमने पहले अडानी समूह को गंभीर नियामक हस्तक्षेप के बिना विश्वास में काम करने का रवैया देखा है। अडानी ग्रुप के इस भरोसे से ऐसा लग रहा था कि इसका सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच से कोई कनेक्शन है.

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सेबी के वर्तमान अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच के पास बिल्कुल उसी संदिग्ध ऑफशोर फंड में छिपी हुई हिस्सेदारी थी। यह हिस्सेदारी उसी नेस्टेड संरचना में पाई गई जिसका इस्तेमाल विनोद अडानी ने किया था।

व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए, शॉर्ट-सेलर फर्म ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को आईपीई प्लस फंड 1 में सिंगापुर में अपना खाता खोला था। आईआईएफएल के प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित फंड में कहा गया है कि इस निवेश का स्रोत वेतन है। जबकि माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अनुमानित संपत्ति $ 10 मिलियन है।

पिछले साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी एंटरप्राइजेज में शेयरों की बिक्री से ठीक पहले अडानी ग्रुप की आलोचना करते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू गिरकर 86 अरब डॉलर हो गई. इसके अलावा उसके विदेशी सूचीबद्ध बांडों की भी भारी बिकवाली हुई। इस रिपोर्ट के असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गौतम अडानी दुनिया के नंबर 2 अरबपति से फिसलकर 36वें नंबर पर आ गए।