सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद पन बिजली योजना पर रॉयल्टी लगाए हिमाचल सरकार : शान्ता कुमार

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शिमला, 26 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि मैं सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय के लिए हिमाचल सरकार और प्रदेश की जनता को बहुत बहुत बधाई देता हूं जिसमें यह निर्णय दिया है कि प्राकृतिक खनिज प्रदार्थो पर रायॅल्टी लगाना प्रदेश सरकारों का अधिकार है। इस निर्णय के लिए सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करता हूं। इस निर्णय का हिमाचल प्रदेश का बहुत अधिक लाभ हो सकता है। यह निर्णय हिमाचल के लिए एक वरदान सिद्ध हो सकता है।

शांता कुमार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 1990 में जब पहली बार मैंने मुख्यमंत्री

रहते हुए बिजली परियोजनाओं पर रायॅल्टी लगाने का निर्णय किया था तो केन्द्र सरकार से सहमति लेनी पड़ी थी। मुझे इस बात की भी

खुशी है कि प्रदेश सरकार अपने साधन बढ़ाने के लिए योजना बना रही है। साधन बढ़ाने के साथ सरकार को अपने खर्चो में बचत करने में भी कोशिश करनी चाहिए। सरकार के गैर योजना खर्चो में 10 प्रतिशत की बचत बड़ी आसानी से की जा सकती है। 1977 में मैने दो साल में 50 करोड़ रू0 की बजत की थी।

शान्ता कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हिमाचल सरकार सभी पन बिजली योजना पर रायॅल्टी लगाने का निर्णय करें। इतना ही नही रायॅल्टी बढ़ाने का भी बहुत बड़ा औचित्य है। हिमाचल का पानी बिजली पैदा करने के लिए कच्चे माल की तरह एक बहुत बड़ा साधन है। 1990 के मुकाबले आज बिजली कई गुणा महंगी हो गई है। बिजली का भाव बढ़ने के साथ ही उसको बनाने के लिए पानी का भाव भी बढ़ना चाहिए। हिमाचल सरकार एक कमेटी बनायें जो 1990 के मुकाबले बढ़े हुए बिजली भाव के अनुसार 12

प्रतिशत रायॅल्टी को बढ़ाने का भी निर्णय करे। इससे हिमाचल प्रदेश को बहुत अधिक आय हो सकती है।