जयपुर, 8 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के अधीन संविदा पर कार्यरत ब्लॉक समन्वयक को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदा कर्मी को लगाने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर को याचिका की प्रति दिलाते हुए 15 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने आदेश राम अवतार मेहरिया की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए एक जुलाई, 2022 को ब्लॉक समन्वयक के पद पर संविदा कर्मी के तौर पर अजमेर जिले में नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति से वह अपने कर्तव्यों का उचित तरह से निर्वहन करता आ रहा है। इस बीच गत 6 जून को स्थानीय विकास अधिकारी ने याचिकाकर्ता की सेवा समाप्त करते हुए उसके स्थान पर अन्य संविदा कर्मी को नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए।
इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता के संबंधित पद पर काम करने को लेकर कोई शिकायत नहीं है और उसने उचित तरह से अपने कार्य को पूरा किया है। इसके अलावा नियमानुसार संविदा कर्मी को उसी स्थिति में पद से हटाया जा सकता है, जब संबंधित पद पर नियमित भर्ती से अभ्यर्थी नियुक्त नहीं हो जाता। ऐसे में एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदा कर्मी को नियुक्त नहीं किया जा सकता। इसलिए याचिकाकर्ता को हटाने के आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को हटाने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाब पेश करने को कहा है।