हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब : महिला अपराध व रंगदारी के आरोपितों की जमानत रद्द करने को लेकर क्या हुई कार्रवाई

रांची,16 मई (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में दुमका में स्पेनिश महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्ति जज (स्वर्गीय) एमवाई इकबाल के रांची स्थित जमीन की बाउंड्री वॉल तोड़कर जमीन पर कब्जे की कोशिश मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई।

कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य में जमीन कब्जा, महिला अपराध एवं रंगदारी के मामलों में लगातार लिप्त रहने वाले आरोपितों की जमानत रद्द करने को लेकर क्या कार्रवाई हुई है। इस संबंध में कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को एक चार्ट तैयार करने को कहा है, जिसमें आरोपितों की पहचान से संबंधित डाटा रहे, ताकि वह अगर दूसरी बार भी वे अपराध करते हुए पकड़े जाएं तो उनकी पहचान आसानी से हो सके। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पिछले छह माह से झारखंड में भू माफियाओं के जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध एवं रंगदारी मांगने की घटना को लेकर दर्ज मामले में का डाटा एक होने का कारण यह है कि वही अपराधी बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। सरकार का डाटा गलत नहीं है।

सरकार की ओर से रांची में पिछले छह माह में उक्त तीनों मामलों में क्राइम का डाटा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वही बताया कि राज्य के अन्य जिलों के भू माफियाओ द्वारा जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध एवं रंगदारी मांगने की अपराध का डाटा अभी नही आ पाया है, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में सभी जिलों में पिछले छह माह में भू माफियाओं द्वारा जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध एवं रंगदारी मांगने की घटना को लेकर दर्ज केस के बारे में जानकारी मांगी है।