हाई कोर्ट ने दिल्ली की जिला अदालतों के रिकॉर्ड रूम में फाइलों के रख-रखाव की स्थिति पर जताई चिंता

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की जिला अदालतों के रिकॉर्ड रूम में फाइलों के रख-रखाव की स्थिति पर चिंता जताते हुए फाइलों की छंटाई के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी जिला अदालतों के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जजों को निर्देश दिया है कि वे केस रिकॉर्ड की छंटाई के लिए कदम उठाएं और इसकी नियमित रूप से मानिटरिंग करें।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट प्रशासन ने सूचित किया कि केसों की फाइलों के लेकर जरूरी संशोधन किए गए हैं। छोटे केसों और ऐतिहासिक महत्व वाले केसों का चयन कर लिया गया है। हर जिला अदालत में इसकी निगरानी के लिए कमेटी का गठन कर लिया गया है। हाई कोर्ट प्रशासन ने बताया कि जनवरी से लेकर मार्च तक की तिमाही में 191512 फाइलों को छंटाई के लिए चिह्नित किया गया है। उनमें से करीब 52 हजार फाइलों की छंटाई की जा चुकी है।

हाई कोर्ट ने कहा कि वो इस बात से आंखें नहीं मूंद सकता है कि जिला अदालतों में फाइलों के रख-रखाव की स्थिति काफी लचर है और उनकी छंटाई के काम में तेजी आनी चाहिए। फाइलों की छंटाई की नियमित अंतराल पर मानिटरिंग होनी चाहिए। उसके बाद हाई कोर्ट ने सभी जिला अदालतों के प्रिसिंपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जजों को निर्देश दिया कि वे हर तिमाही पर फाइलों की छंटाई की रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल करें।

दरअसल याचिकाकर्ता करण एस ठुकराल ने याचिका दायर कर कहा है कि वकीलों और पक्षकारों को विचाराधीन मामलों से संबंधित विभिन्न अर्जियों को जमा करने के लिए एक असुरक्षित ड्राप बॉक्स का उपयोग करना पड़ता है। कुछ कोर्ट में कोर्ट मास्टर या रीडर ये अर्जी प्राप्त करते लेकिन बदले में वे पावती जारी नहीं करते हैं। ऐसे में कई अर्जियां अक्सर गुम हो जाती हैं, या कुछ दस्तावेज जमा करने के आरोप लगते हैं।