हेमंत सोरेन की बिहार में एंट्री और गरमा गई सियासत, BJP बोली- 'यह भ्रष्ट युवराजों का क्लब है'

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News India Live, Digital Desk: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल से बाहर आने के बाद से ही एक्शन मोड में हैं। हाल ही में वह बिहार पहुंचे और तेजस्वी यादव के लिए चुनाव प्रचार में उतर गए। दोनों युवा नेताओं की तस्वीरें और मंच साझा करने की खबरें जैसे ही सामने आईं, दिल्ली से लेकर पटना तक की सियासत में हलचल तेज हो गई।

इस मौके को बीजेपी ने हाथों-हाथ लपक लिया और विपक्ष पर जोरदार हमला बोल दिया। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस हेमंत-तेजस्वी की जोड़ी को लेकर एक तीखी टिप्पणी की है, जिसने बिहार चुनाव के लिए एक नया नैरेटिव सेट कर दिया है।

क्या कहा अमित मालवीय ने?

अमित मालवीय ने हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी, तीनों को एक ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन तीनों नेताओं में तीन बातें एक जैसी हैं:

  1. तीनों वंशवादी हैं (परिवारवाद): ये तीनों अपने-अपने राजनीतिक परिवारों की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
  2. तीनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं: मालवीय ने याद दिलाया कि हेमंत सोरेन जमीन घोटाले के आरोप में जमानत पर बाहर हैं, तेजस्वी यादव पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले का आरोप है और राहुल गांधी भी नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैं।
  3. तीनों को अपने परिवारों को बचाना है: बीजेपी का आरोप है कि ये नेता जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार और खुद को भ्रष्टाचार के मामलों से बचाने के लिए एक साथ आए हैं।

मालवीय ने इसे 'भ्रष्ट युवराजों का क्लब' बताते हुए कहा कि बिहार की जनता इन्हें अच्छी तरह से समझती है और चुनाव में इन्हें खारिज कर देगी।

क्या है बीजेपी की रणनीति?

हेमंत सोरेन का तेजस्वी के लिए प्रचार करना INDIA गठबंधन के लिए एक तस्वीर दिखाने का मौका था, लेकिन बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लिया है। बीजेपी यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि विपक्ष के सारे नेता, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वे अपनी-अपनी 'चोरी' छिपाने के लिए एक दूसरे का साथ दे रहे हैं।

यह हमला बिहार चुनाव की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। अब लड़ाई विकास के मुद्दों के साथ-साथ 'कौन कितना ईमानदार है' इस पर भी लड़ी जाएगी। एक तरफ जहां तेजस्वी और हेमंत अपनी रैलियों में बीजेपी पर हमला बोलेंगे, वहीं बीजेपी बार-बार जनता को याद दिलाएगी कि मंच पर खड़े ये नेता किन-किन घोटालों में फंसे हुए हैं। बिहार की जनता इस 'आरोप-प्रत्यारोप' की राजनीति पर कैसे प्रतिक्रिया देती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

 

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