मणिपुर में सुरक्षाबलों और कुकी महिलाओं के बीच फिर तीखी झड़प

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में पिछले दो वर्षों से जारी जातीय हिंसा के लिए माफी मांगी है, लेकिन इस बीच कांगपोकपी जिले में कुकी-जो महिलाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों की खबरें सामने आई हैं। मंगलवार को कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की एक भीड़ ने सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष किया, जिससे राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया।

थमनपोकपी के पास हुई झड़प

यह घटना थमनपोकपी के पास उयोकचिंग क्षेत्र में हुई। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम की तैनाती को रोकने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षा बलों ने न्यूनतम बल का प्रयोग किया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

सुरक्षा बलों को क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पहाड़ियों की चोटियों पर तैनात किया गया है।

स्थानीय लोगों के आरोप

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल हुए हैं। यह इलाका कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मीतेई-प्रभुत्व वाले इंफाल घाटी के बीच एक तथाकथित ‘बफर ज़ोन’ में आता है। स्थानीय महिलाओं ने आरोप लगाया कि जब वे सामुदायिक बंकरों पर बलपूर्वक कब्जे का विरोध कर रही थीं, तब सुरक्षा बलों ने उन पर हमला किया। इसके जवाब में महिलाओं ने भी हमला किया।

प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल

एक कुकी नेता ने बताया कि स्थिति तब और खराब हो गई जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। एक प्रदर्शनकारी ने इसे “युद्ध क्षेत्र जैसा माहौल” बताया और कहा, “हम अपनी चिंताओं को बताने आए थे, लेकिन हम पर हमला किया गया।”

राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर प्रदर्शन

इस घटना के बाद आदिवासी एकता समिति (CoTU) ने केंद्रीय बलों की इलाके से वापसी की मांग करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिया। यह राजमार्ग इंफाल घाटी के मीतेई क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति का मुख्य मार्ग है। CoTU के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर बल का प्रयोग अस्वीकार्य है।”

सरकारी प्रतिक्रिया और मुख्यमंत्री की अपील

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने जातीय हिंसा के लिए माफी मांगी है। उन्होंने सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलकर शांति और एकता के साथ राज्य को समृद्ध बनाने की अपील की। हालांकि, सरकार ने घायल लोगों की संख्या पर कोई पुष्टि नहीं की है।

घटनाक्रम पर बढ़ते विवाद

इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाबलों के बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हुई हैं। वहीं, NH-2 पर जाम की वजह से इंफाल घाटी में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

मणिपुर की यह स्थिति दर्शाती है कि जातीय संघर्ष के घाव अभी भी ताजा हैं। मुख्यमंत्री की माफी और शांति की अपील के बावजूद, इन विवादों को सुलझाने में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।