Heart Attack: महिलाओं में दिखते ये लक्षण न करें इग्नोर

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और सतर्कता

हार्ट अटैक को लेकर अक्सर यह समझा जाता है कि इसके लक्षण पुरुषों और महिलाओं में समान होते हैं। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर अलग और अधिक सूक्ष्म हो सकते हैं, जिससे इन्हें नजरअंदाज करना आसान हो जाता है।

यह लापरवाही घातक साबित हो सकती है। इसलिए, महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना और समय रहते सतर्क हो जाना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, कौन-कौन से संकेत महिलाओं में हार्ट अटैक का संकेत दे सकते हैं।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण: पुरुषों से क्यों हैं अलग?

शारीरिक संरचना और हार्मोनल प्रभाव

महिलाओं की शारीरिक संरचना और उनके हार्मोनल स्तर हार्ट अटैक के लक्षणों को अलग बनाते हैं। एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन दिल को कुछ हद तक सुरक्षा देते हैं, लेकिन मेनोपॉज के बाद इनका स्तर कम हो जाता है, जिससे महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सामान्य से अलग लक्षण

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर पारंपरिक “सीने में तेज दर्द” के बजाय कुछ अन्य सामान्य या असामान्य लक्षणों के रूप में दिख सकते हैं। यही वजह है कि इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है।

महिलाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण

1. असामान्य थकान

  • महिलाओं में हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लेकिन अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला लक्षण है अत्यधिक थकान
  • यह थकान सामान्य शारीरिक मेहनत के बिना भी महसूस हो सकती है और आराम के बाद भी खत्म नहीं होती।
  • अगर आप बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज्यादा थकावट महसूस करती हैं, तो इसे हल्के में न लें।

2. सांस लेने में दिक्कत

  • हार्ट अटैक के दौरान महिलाओं को अक्सर सांस लेने में परेशानी महसूस होती है।
  • यह लक्षण सीढ़ियां चढ़ने, हल्के व्यायाम या यहां तक कि आराम करते समय भी हो सकता है।

3. गर्दन, पीठ, और जबड़े में दर्द

  • पुरुषों में हार्ट अटैक का दर्द मुख्य रूप से छाती पर केंद्रित होता है, जबकि महिलाओं में यह गर्दन, पीठ, कंधे, और जबड़े तक फैल सकता है।
  • यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और कभी-कभी इसे मांसपेशियों के खिंचाव या गैस का दर्द समझ लिया जाता है।

4. सीने में जलन या भारीपन

  • महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान सीने में जलन, दबाव, या भारीपन महसूस हो सकता है।
  • इसे अक्सर गैस्ट्रिक समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक रहे, तो सतर्क हो जाएं।

5. मितली या उल्टी

  • कई बार हार्ट अटैक के दौरान महिलाओं को मितली, उल्टी, या पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
  • यह लक्षण अक्सर फूड प्वाइजनिंग या गैस्ट्रिक समस्या के समान लगते हैं, लेकिन इनके पीछे हार्ट अटैक हो सकता है।

6. ठंडा पसीना

  • अगर आपको बिना किसी कारण के ठंडा पसीना आ रहा है, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
  • इसे शरीर के सामान्य प्रतिक्रिया के रूप में न लें।

महिलाओं में हार्ट अटैक के जोखिम कारक

1. हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल

  • हाई ब्लड प्रेशर और उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर हार्ट अटैक का सबसे बड़ा जोखिम है।
  • समय-समय पर इनकी जांच करवाना जरूरी है।

2. डायबिटीज

  • डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो सकता है।
  • यह बीमारी दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकती है।

3. तनाव और अवसाद

  • तनाव और अवसाद महिलाओं में दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है।
  • यह हृदय पर दबाव बढ़ाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।

4. धूम्रपान और शराब का सेवन

  • धूम्रपान और शराब का सेवन दिल की बीमारियों को बढ़ावा देता है। महिलाओं को इन आदतों से बचना चाहिए।

5. शारीरिक निष्क्रियता

  • नियमित व्यायाम न करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?

1. स्वस्थ आहार लें

  • अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, फल, सब्जियां, और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें।
  • अधिक तली-भुनी चीजों और फास्ट फूड से बचें।

2. नियमित व्यायाम करें

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।
  • योग और ध्यान भी तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं।

3. स्वास्थ्य जांच कराते रहें

  • ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और शुगर की नियमित जांच कराएं।
  • किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करें।

4. तनाव कम करें

  • तनाव कम करने के लिए नियमित रूप से ब्रेक लें और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

5. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं

  • यह आदतें दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं।