अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

शराब नीति मामला:  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की. जिसमें उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने दलील दी कि हमें चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश में बिना पुख्ता सबूत के मुझे गिरफ्तार किया गया है. केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि ईडी के सभी समन अवैध हैं. ईडी ने लिखित में कुछ नहीं दिया है. केजरीवाल का बयान घर तक लेने की भी कोई कोशिश नहीं की गई. केजरीवाल के खिलाफ बयान देने वाले लोग भी संदेह के घेरे में हैं. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

 

 

अभिषेक मनु सिंघवी ने दी दलील… 

गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आप नेता संजय सिंह को शर्तों के तहत जमानत दे दी थी. अब केजरीवाल को भी इससे उम्मीद जगी है. इस बीच उनके वकील सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उनके मुवक्किल को बिना किसी ठोस आधार के गिरफ्तार किया गया है. केजरीवाल की गिरफ्तारी केवल उन्हें अपमानित और परेशान करने के लिए की गई है। 

दो साल पुराने मामले में 2024 में गिरफ्तारी पर उठे सवाल 

जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की बेंच के सामने केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. उन्होंने कहा कि हमारे मुवक्किल केजरीवाल को ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया है जो उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोकता है. चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. दो साल पुराने मामले में 2024 में केजरीवाल की गिरफ्तारी बहुत कुछ कहती है। इन गिरफ़्तारियों का समय स्पष्ट असंवैधानिक इरादे का संकेत देता है। 

धारा 19 के तहत शर्तों का पालन नहीं किया गया 

केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंघवी ने सवाल उठाया कि पीएमएलए में जमानत मिलना मुश्किल है लेकिन धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की शर्तें हैं. क्या इसका पालन किया गया? गिरफ्तारी का मकसद कुछ और है. क्या केजरीवाल भागने वाले थे? इस बीच, सिंघवी ने ईडी के वकील से यह भी कहा कि वह सुनवाई को टालने की कोशिश न करें क्योंकि ईडी के वकील ने दावा किया था कि सिंघवी की दलीलों की कोई प्रति उन्हें नहीं दी गई थी।