प्रयागराज, 07 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 में शामिल अभ्यर्थी की याचिका पर एक जुलाई को सुनवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग अभ्यर्थी के सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे।
कोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश के क्रम में लोक सेवा आयोग ने जरूरी जानकारी याचिका के सम्बन्ध में कोर्ट में प्रस्तुत किया था। आयोग की तरफ से कहा गया कि जब तक याची के मामले का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक कोई भी इस परीक्षा से सम्बंधित रिकार्ड नष्ट नहीं किया जाएगा।
याची श्रवण पाण्डे अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है तथा एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं। जिसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया। श्रवण पांडे की याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
याची का कहना था कि वह 2022 पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ। जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया। याची को मुख्य परीक्षा में जो अंक मिले थे, उससे वह संतुष्ट नहीं था। उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी तो उसे 6 प्रश्न पत्रों में मिले प्राप्तांक की जानकारी मिली। पता चला कि अंग्रेजी प्रश्न पत्र में उसे 200 में से मात्र 47 अंक मिले हैं। इससे असंतुष्ट होकर उसने आरटीआई के तहत 6 प्रश्नपत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की मांग की। उत्तर पुस्तिकाएं देखने पर पता चला कि अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग नहीं है, जो कि उसने अन्य प्रश्न पत्रों में लिखी है। साथ ही हिंदी की उत्तर पुस्तिका के तीन चार पन्ने फटे हुए पाए गए।
इस पर कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि याची की सभी 6 उत्तर पुस्तिकाओं को अदालत के सामने प्रस्तुत किया जाए ताकि उसका मिलान करके यह पता लगाया जा सके कि अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में याची की हैंड राइटिंग है या नहीं है।