कोलकाता, 04 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दायर मानहानि मामले की सुनवाई एक बार फिर स्थगित कर दी गई है। अब इस मामले में 10 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है।
इससे पहले, बुधवार को यह मामला पहली बार न्यायमूर्ति कृष्णा राव की एकल-जज बेंच के सामने आया था, लेकिन तब इसे गुरुवार तक स्थगित कर दिया गया था। न्यायमूर्ति कृष्णा राव ने निर्देश दिया कि जिन मीडिया हाउसों की रिपोर्ट्स पर राज्यपाल का मानहानि मामला आधारित है, उन्हें भी मामले में पक्षकार बनाया जाए।
गुरुवार को जब मामला फिर से सुनवाई के लिए आया, तो राज्यपाल बोस के वकील धीरज त्रिवेदी ने अदालत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि यह मामला अभी तक कलकत्ता हाईकोर्ट के रिकॉर्ड में सूचीबद्ध नहीं हुआ है। इसके बाद, न्यायमूर्ति राव ने कार्यवाही स्थगित कर दी और अगली सुनवाई की तारीख 10 जुलाई तय की।
इस मामले में मुख्यमंत्री के अलावा, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष और हाल ही में चुने गए दो विधायक सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैम सरकार को भी नामजद किया गया है।
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि कुणाल घोष को राज्यपाल के बारे में एक मीडिया हाउस में की गई टिप्पणी के कारण पक्षकार बनाया गया है। इसी प्रकार, दो विधायकों के नाम उनकी शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राज्यपाल के बारे में की गई टिप्पणियों के कारण शामिल किए गए हैं। यह मामला मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणियों पर आधारित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हाल की घटनाओं के कारण महिलाएं राजभवन जाने में डर रही हैं। मुख्यमंत्री ने नव-निर्वाचित विधायकों के राजभवन न जाने के फैसले का समर्थन करते हुए यह बयान दिया था।