सेहत: सिर्फ 2 रुपए की चीज जानिए, लीची और तरबूज नकली हैं या असली?

भीषण गर्मी के कारण बाजार में लीची और तरबूज खूब बिक रहे हैं। लेकिन इन फलों को घर लाने से पहले क्या आपको यह जांचना चाहिए कि ये खाने योग्य हैं या नहीं? इस समय बाजार में बहुत सारी लीची और तरबूज मौजूद हैं, जिन्हें खाने से आपकी सेहत खराब हो सकती है। अगर आप लंबे समय तक इन नकली फलों को खाते हैं तो आप गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। आपको बता दें कि इन फलों को खरीदने से पहले आप सिर्फ 2 रुपये में जान सकते हैं कि ये अच्छे हैं या नहीं।

नकली लीची और तरबूज

यहां नकली का मतलब यह नहीं है कि ये फल प्लास्टिक या रबर से बने हैं। न ही इसका मतलब यह है कि वे किसी प्रयोगशाला में तैयार किए गए हैं। इन फलों को नकली कहने का कारण यह है कि इन्हें गलत तरीके से उगाया जाता है और इन्हें सुंदर और लाल दिखाने के लिए हानिकारक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।

मिलावटखोर तरबूजों को अंदर से लाल दिखाने के लिए सिरिंज का उपयोग कर उनमें लाल रंग डाल रहे हैं। साथ ही इसे मीठा बनाने के लिए चीनी की चाशनी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी तरह ये लोग हरी लीची को पका हुआ दिखाने के लिए उसे लाल स्प्रे पेंट से रंग देते हैं. लीची को मीठा करने के लिए इसमें छोटे-छोटे छेद करके इसे चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है और कुछ समय बाद इसे निकालकर बेच दिया जाता है।

असली नकली है इसकी जांच कैसे करें?

अगर किसी फल में रंग है तो वह आपको सिर्फ 2 रुपए में मिल जाएगा। आपको बस 2 या 5 रुपये की रुई खरीदनी है और फिर उसे लीची पर रगड़ना है। यदि इसे रंगा गया है तो रुई का रंग लाल होगा। इसी तरह आपको तरबूज को भी पहले काटना है और फिर रुई से रगड़ना है. तरबूज में रंग मिलाने से कपास लाल हो जाएगी। वहीं अगर कलर मिक्स न हो तो कॉटन का रंग एकदम हल्का गुलाबी होगा।