Health Insurance Claims: अब सिंगल पोर्टल से होगा स्वास्थ्य बीमा क्लेम, सरकार ला रही है नया नियम

Health Insurance Claims: मरीजों के स्वास्थ्य बीमा दावों की प्रक्रिया में तेजी लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक ही पोर्टल बनाया है। इसका फायदा मरीजों, बीमा कंपनियों और अस्पतालों को होगा। बीमा दावों के निपटारे के लिए लंबे इंतजार और कंपनी द्वारा अस्पताल से छुट्टी दिए गए मरीजों के दावों को जल्द मंजूरी देने को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज प्लेटफॉर्म तैयार किया है। देश की करीब 50 बड़ी बीमा कंपनियां और 250 बड़े अस्पताल भी इस एक पोर्टल से जुड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि मरीज को सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है लेकिन बीमा कंपनियों से दावे के निपटारे के लिए हरी झंडी मिलने में देर रात हो जाती है। इस तरह मरीज को एक दिन और अस्पताल में रहना पड़ता है। इस पोर्टल को तैयार करने से पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने विभिन्न बीमा कंपनियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ कार्यशालाएं और बैठकें कीं।

यह पोर्टल व्यवस्था में किस प्रकार परिवर्तन लाएगा?

अगर सरकार का यह प्रयास सफल होता है तो देश के स्वास्थ्य बीमा इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव आएगा। अभी एक अस्पताल को अपनी वेबसाइट पर 50 से ज्यादा बीमा कंपनियों के क्लेम तैयार करके प्रोसेस करने होते हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज अलग-अलग बीमा कंपनियों से जुड़े होते हैं और हर मरीज के क्लेम की प्रोसेसिंग उन कंपनियों की वेबसाइट पर होती है। एक बीमा कंपनी को अलग-अलग अस्पतालों से आने वाले क्लेम को प्रोसेस करना होता है और सभी अस्पतालों की वेबसाइट से जुड़े रहना होता है। सरकार का यह प्लेटफॉर्म जब लॉन्च हो जाएगा तो एक ही प्लेटफॉर्म से क्लेम प्रोसेस हो जाएंगे। अस्पताल और बीमा कंपनियां एक ही प्लेटफॉर्म पर जांच करेंगी और इससे प्रोसेस में तेजी आएगी। क्लेम का सेटलमेंट भी जल्दी होगा। अभी सरकार इस पोर्टल को लेकर कोऑर्डिनेटर की भूमिका में रहेगी, लेकिन आने वाले समय में मॉनिटरिंग प्रोसेस में तेजी लाई जाएगी।

सरकार ऐसा क्यों कर रही है?

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बीमा कंपनियां और अस्पताल ही एक प्लेटफॉर्म चाहते हैं। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इस पहल को आगे बढ़ाया है। यह एक डिजिटल स्वास्थ्य दावा प्लेटफॉर्म है, जो बीमा कंपनियों को अपनी लागत कम करने का मौका देगा। साथ ही पॉलिसीधारकों को जल्द से जल्द अपना क्लेम मिल सकेगा। इससे क्लेम फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी कंपनी क्लेम जल्दी क्लियर कर रही है और कौन सी कंपनी देरी कर रही है। क्लेम का स्टेटस भी आसानी से देखा जा सकेगा। पॉलिसीधारक अपने क्लेम स्टेटस को ऑनलाइन ट्रैक कर सकेंगे। अब तक आयोजित कार्यशालाओं में बीमा कंपनियों, टीपीए और अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करने वाले पेशेवरों ने भाग लिया है। यह देश में डिजिटल स्वास्थ्य लेनदेन को अपनाने और मरीज के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।