देसी घी को स्वास्थ्य का सबसे अच्छा साथी माना जाता है और इसे अक्सर खाना पकाने के लिए सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह फायदे की बजाय नुकसान करने लगता है। यहां जानें देसी घी को खाना पकाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
- पराठा बनाने में देसी घी का उपयोग न करें
सर्दियों में पराठे बनाने के लिए देसी घी का इस्तेमाल आम है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। देसी घी का स्मोकिंग प्वाइंट 252 डिग्री सेल्सियस होता है। जब घी इससे अधिक गर्म होता है, तो यह धुआं छोड़ने लगता है और हार्मफुल केमिकल का निर्माण करता है। पराठा बनाते समय जब घी तवे पर रखा जाता है, तो तेज़ धुआं उठता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। - तड़का लगाने में देसी घी का सावधानी से उपयोग करें
हालांकि देसी घी का स्मोकिंग प्वाइंट ज्यादा होता है, लेकिन जीरा या अन्य मसालों को तड़का लगाने के लिए यदि घी को इतना गर्म किया जाए कि धुआं निकलने लगे, तो यह भी हानिकारक केमिकल पैदा कर सकता है। इसलिए खाना पकाने के दौरान हमेशा ध्यान रखें कि घी जलने और धुआं छोड़ने तक न पहुंचे। - पूड़ी बनाने में देसी घी का उपयोग सावधानी से करें
पराठों की तरह, जब आप पूड़ियां फ्राई कर रहे हों, तो सुनिश्चित करें कि घी अधिक गर्म न हो जाए। एक बार जब देसी घी धुआं देने लगे, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
इन बातों का ध्यान रखकर, आप देसी घी का सही उपयोग करके इसके स्वास्थ्य लाभों का पूरा आनंद ले सकते हैं।