भारत के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर एक बार फिर से सेबी (SEBI) से प्रशासनिक चेतावनी मिली है। यह एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार है जब कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने बैंक को चेतावनी जारी की है।
क्यों मिली चेतावनी?
मार्च 2024 में, एचडीएफसी बैंक के मॉर्गेज बिजनेस के प्रमुख अरविंद कपिल के इस्तीफे की सूचना देने में तीन दिन की देरी हुई थी। इस देरी को लेकर सेबी ने गंभीरता दिखाते हुए बैंक को 10 दिसंबर को एक पत्र भेजा।
सेबी ने चेतावनी देते हुए कहा:
“आपको भविष्य में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। आगे इस तरह की घटनाओं से बचें, अन्यथा आपके खिलाफ उचित प्रवर्तन कार्रवाई की जाएगी।”
बैंक ने इस संबंध में जानकारी 16 दिसंबर को एक कंपनी फाइलिंग के माध्यम से दी।
सेबी की चेतावनी में क्या कहा गया?
सेबी ने बैंक को स्पष्ट निर्देश दिए कि:
- सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
- इस पत्र और सुधारात्मक कदमों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समक्ष रखा जाए।
- पत्र की एक प्रति बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाए।
बैंक पर क्या होगा असर?
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि इस प्रशासनिक चेतावनी का उनके वित्तीय प्रदर्शन या ऑपरेशन्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अरविंद कपिल की जगह सुमंत रामपाल की नियुक्ति
एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने 28 मार्च 2024 को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि अरविंद कपिल के स्थान पर तत्काल प्रभाव से सुमंत रामपाल को ग्रुप हेड – मॉर्गेज बिजनेस नियुक्त किया गया है।
- अरविंद कपिल ने एचडीएफसी बैंक में 7.5 लाख करोड़ रुपये के मॉर्गेज बिजनेस का नेतृत्व किया था।
- वे होम लोन पोर्टफोलियो, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) और एचडीएफसी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभालते थे।
कपिल ने 24 जून 2024 से पूनावाला फिनकॉर्प (Poonawalla Fincorp) में मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और सीईओ (CEO) के रूप में पदभार संभाला है।
पहले भी मिल चुकी है चेतावनी
इससे पहले दिसंबर 2024 में भी सेबी ने एचडीएफसी बैंक को मर्चेंट बैंकिंग नियमों के अनुपालन में कमी को लेकर प्रशासनिक चेतावनी दी थी। बैंक ने इसकी जानकारी 12 दिसंबर को दी थी।