कोलकाता रेप मर्डर केस: कोलकाता के आर.जी. 21 अगस्त को कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी की घटना को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में भारत के कई जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगलानम और न्यायमूर्ति एच भट्टाचार्य की खंडपीठ ने की. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि फिलहाल राज्य सरकार को रिपोर्ट कोर्ट में सौंपने की जरूरत नहीं है.
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने पूर्व आदेश के अनुरूप अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप अपनी रिपोर्ट अपने पास रखें क्योंकि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है.
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की पहचान उजागर करने पर भी चिंता जताई है.
‘हमें इंतजार करना होगा’
सुनवाई के दौरान HC ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने सभी मुद्दों पर ध्यान दिया है. सीआईएसएफ की नियुक्ति पर विचार हो चुका है, 22 अगस्त तक सीबीआई और राज्य की ओर से रिपोर्ट दी जाएगी.
‘पीड़ित की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए’
पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जताते हुए HC ने कहा, ‘हमने अपने पहले के आदेश में तस्वीरें अपलोड न करने का अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर नजर डालें तो पीड़िता की पहचान उजागर न करने का सकारात्मक निर्देश है।
जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दुर्भाग्य से पीड़िता के दोस्तों के पास पुरानी तस्वीरें हैं और वे आज तस्वीरें प्रसारित कर रहे हैं.
HC ने आगे कहा, ‘हमने पीड़िता के माता-पिता का नाम भी छुपा लिया है. आपने इसका जिक्र नहीं किया.’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “एक चीज जो की जा सकती है वह यह है कि अदालत सभी मीडियाकर्मियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध कर सकती है कि पीड़ित और परिवार की पहचान उजागर न हो।” जिस पर कोर्ट ने कहा कि वे ऐसा ही करेंगे. इस मामले में अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी.