महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान धार्मिक दंगे भड़काने, दो समूहों के बीच आपसी दरार और तनाव बढ़ाने और मतदाताओं के कुछ वर्गों को पैसे के बल पर लुभाने की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस बड़े मामले की जांच ईडी, इनकम टैक्स और कई अन्य एजेंसियां कर रही हैं. ईडी और इनकम टैक्स ‘ऑपरेशन रियल कुबेर’ के नाम से यह जांच कर रहे हैं। नासिक के मालेगांव में 2 बैंकों की धोखाधड़ी से शुरू हुआ यह ऑपरेशन अब मुंबई, गुजरात, दुबई, बहरीन और नेपाल तक पहुंच गया है।
फर्जी बैंक खातों और बेनामी लेनदेन का पर्दाफाश करें
मुंबई आयकर विभाग ने बेनामी लेनदेन की जांच की है. मालेगांव बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आयकर (आईटी) विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी बैंक खातों और बेनामी लेनदेन का खुलासा किया है। जांच एजेंसियों ने रुपये इकट्ठा कर लिए हैं. 125 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन वाले इस घोटाले में सिराज अहमद मेनन और मोहम्मद हारून को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इस ऑपरेशन रियल कुबेर की जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं.
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि देश भर के कुल 255 बैंक खातों में से 144 करोड़ रुपये से अधिक मालेगांव के बैंकों में जमा किए गए थे। गिरफ्तार आरोपी सिराज मेमन जो मालेगांव का रहने वाला व्यापारी है और रेड रोज ट्रेडिंग कंपनी चलाता था. इन नामित कंपनियों से सिराज की कंपनी में बेनामी रकम ट्रांसफर की गई.
ऐसी कुल 104 कंपनियां हैं, जिनमें से 95 फीसदी हिंदू नामों पर हैं और इन कंपनियों में से लगभग 16.5 करोड़ रुपये की रकम रेड रोज ट्रेडिंग कंपनी को ट्रांसफर की गई थी, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी सिराज मेमन. किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि फिलहाल 2 सिंडिकेट पकड़े गए हैं, जिनमें जांच के बाद रकम 2 हजार करोड़ रुपये होगी, लेकिन ऐसे 8 और सिंडिकेट हैं, जो देशभर से संचालित हो रहे हैं.