जब भी पर्सनल लोन लेने की बात आती है तो हर कोई आपसे यही कहता होगा कि अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको लोन मिल जाएगा। हालांकि, जब कोई बैंक किसी व्यक्ति को पर्सनल लोन देता है तो वह सिर्फ उसका सिबिल स्कोर ही नहीं देखता बल्कि 3 तरह के रेशियो भी चेक करता है। इन सबके जरिए बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आप बैंक लोन की रकम समय पर चुका पाएंगे या नहीं। आइए जानते हैं कि सिबिल स्कोर के अलावा बैंक कौन से 3 रेशियो चेक करता है।
1- ऋण-से-आय (DTI) अनुपात
किसी को भी ऋण देने से पहले बैंक ऋण-से-आय अनुपात की जाँच करता है। यह अनुपात मासिक ऋण भुगतान और आपके सकल वेतन की तुलना करके निकाला जाता है। DTI अनुपात जितना कम होगा, आपको ऋण मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इस अनुपात के ज़रिए बैंक यह समझ पाता है कि आपके पास पहले से कितने ऋण हैं और आपके हाथ में कितना पैसा बचा है।
2- EMI/NMI अनुपात
EMI/NMI अनुपात के ज़रिए बैंक यह गणना करता है कि आपकी शुद्ध मासिक आय का कितना हिस्सा मौजूदा EMI और प्रस्तावित लोन EMI पर खर्च होगा। अगर आपकी EMI/NMI 50-55 प्रतिशत है तो ठीक है, लेकिन अगर अनुपात इससे ज़्यादा है तो बैंक आपको लोन देने से कतराने लगता है। अगर इसके बावजूद बैंक आपको लोन देता है तो अक्सर ज़्यादा ब्याज दर वसूलता है।
3- लोन-टू-वैल्यू रेशियो (LTV)
इस रेशियो की गणना खास तौर पर हाउसिंग लोन के मामले में की जाती है। इस रेशियो की मदद से जोखिम को समझना आसान हो जाता है। LTV रेशियो से पता चलता है कि आपके लोन का एसेट या कोलैटरल के मुकाबले कितना मूल्य है। इससे लोन सुरक्षित करने में मदद मिलती है। लोन देने वाला बैंक इस जानकारी का इस्तेमाल ज़रूरी नियम और शर्तें बनाने में करता है।
बैंक CIBIL स्कोर भी चेक करते हैं।
यह तीन अंकों की संख्या या कहें स्कोर होता है। इसकी रेंज 300 से 900 अंकों तक होती है। यह लोन लेने के लिए आपकी योग्यता को दर्शाता है। यह नंबर आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड बिल आदि के आधार पर तय होता है। अगर आप अपने सभी लोन और कार्ड बिल का भुगतान करते रहते हैं, तो आपका CIBIL स्कोर बेहतर होता रहता है, जबकि अगर आप डिफॉल्ट करते हैं, तो आपका CIBIL स्कोर खराब होता रहता है।
अच्छे CIBIL स्कोर के क्या फायदे हैं?
अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा है तो इसके कई फायदे हैं। हर बैंक लोन देने से पहले व्यक्ति का CIBIL स्कोर चेक करता है। ऐसे में आपको आसानी से और सस्ते में लोन मिल सकता है। आपको कई बार प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकता है और आपको इंस्टेंट लोन यानी कुछ ही मिनटों में अकाउंट में पैसे आने की सुविधा भी मिल सकती है।
खराब सिबिल स्कोर के नुकसान
अगर सिबिल स्कोर खराब है तो आपको इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है. बैंक से जुड़े सभी कामों में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं खराब सिबिल स्कोर के 5 नुकसान. अगर सिबिल खराब है तो लोन मिलने में दिक्कत आएगी. साथ ही आपको ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ेगी. इतना ही नहीं आपको ज्यादा प्रीमियम भी देना पड़ सकता है. इनके अलावा आपको घर-कार लोन मिलने में भी दिक्कत आएगी. यहां तक कि लोन मिलने में देरी भी हो सकती है.